कवि सम्मेलन हुआ आयोजित, पिता शब्द इतना बड़ा , जैसे विस्तृत व्योम – पारुल शर्मा

हिंदी प्रोत्साहन समिति एवं श्रीमती कमला अग्रवाल गर्ल्स इंटर कालेज के संयुक्त तत्वावधान में यहां एक कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया।
अध्यक्षता डा चेतन आनंद ने की एवं मंच का संचालन प्रख्यात कवि डा अनिल बाजपेई ने किया।
मां शारदे की वंदना एवं दीप प्रज्वलन के पश्चात अध्यक्षता करते हुए कवि डा चेतन आनंद ने पढ़ा,” दुश्मन जितना ज़ोर लगा ले,
बेमतलब के प्रश्न उछाले,
भारत के सूरज का मस्तक कभी नहीं झुकने देंगे,
ये विकास का रथ है इसको कभी नहीं रुकने देंगे।
मंच का संचालन करते हुए डा अनिल बाजपेई ने पढ़ा ”
अनिल हिमालय कह रहा,खुलकर सीना तान,
घबराना बिल्कुल नहीं,आए जो तूफान” “अनिल आप तब ही सफल ,हो यदि मन में लोच ,खा जाती सबको सदा नकारात्मक सोच”
स्कूल की प्रधानाचार्य पारुल शर्मा ने पढ़ा,” पिता शब्द इतना बड़ा , जैसे विस्तृत व्योम,बड़ा अमंद ये मंत्र है, ज्यों पुनीत है ओम ”
” नील गगन की गोद में,इंद्रधनुष के रंग, जाति धर्म सब भूलकर, तुम भी रहना संग”
दिल्ली से पधारे कवि शैल भदावरी ने पढ़ा,”जीना मरना सब कुछ मेरा, सिर्फ वतन की खातिर है,
मेरे लहू के हर कतरे में, हिन्दुस्तानी बसता है।”
एटा से पधारे प्रमोद विषधर ने पढ़ा,”पकड़ कर हाथ वह मेरा, प्यार हम पर लुटाती है ।लगे वह गाय सी सीधी इशारों पर नचाती है ।
दही भल्ला समौसा औ, तली आलू टिक्की भी ।
मिरे हिस्से के खाकर वो हमें चटनी चटाती है ।
सिकंदराराऊ से पधारे कवि देवेंद्र दीक्षित शूल ने पढ़ा”
चारों तरफ शूल, मत दमन बचाइए,आप भी गुलाब जैसे मुस्कुराइए”

इस अवसर पर मनीष बंसल,रेखा शर्मा ,नरेश अग्रवाल,बृजमोहन गुप्ता,दीप्ति शर्मा, मौजूद थे रेखा तोमर ने कहा कवि समाज को दिशा देने का कार्य करते हैं। वे सामाजिक विसंगतियों को व्यंग्य के माध्यम से प्रहार करके समाज को रास्ता दिखाते हैं।

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