जैसे-जैसे हमारी उम्र बढ़ती है हमारी सेहत के साथ ही खानपान और नींद से जुड़े पैटर्न में भी कई तरह का बदलाव होने लगता है. जब हम नींद में होते हैं तो हमारा शरीर रिपेयर मोड में होता है और इसलिए इम्यून सिस्टम (Immune System) सही तरीके से काम करे, शरीर की कोशिकाएं क्षतिग्रस्त न हों- इन सबके लिए रोजाना रात में अच्छी नींद लेना बेहद जरूरी है. लेकिन 60 साल से अधिक उम्र के बुजुर्गों में अक्सर नींद से जुड़ी दिक्कतें होती हैं. जैसे- रात में देर तक नींद न आना, कुछ ही घंटे के लिए नींद आना, अच्छी और गहरी नींद न आना, रात में बार-बार नींद खुलना.
इन वजहों से उड़ जाती है बुजुर्गों की नींद
वैसे तो किस व्यक्ति के लिए कितने घंटे की नींद जरूरी है यह उसकी शारीरिक जरूरतों पर निर्भर करता है लेकिन एक औसत बुजुर्ग व्यक्ति (Elderly) को हर रात 7 से 9 घंटे की नींद जरूर लेनी चाहिए. लेकिन कई बार बुजुर्गों में अनिद्रा (Insomnia) की समस्या हो जाती है जिसके कई कारण हो सकते हैं:
1. शरीर में दर्द या कोई बीमारी- आर्थराइटिस (Arthritis) का दर्द, अस्थमा (Asthma), ऑस्टियोपोरोसिस, हार्टबर्न, अल्जाइमर्स डिजीज- ये कुछ ऐसी बीमारियां हैं जिनकी वजह से बुजुर्गों में अनिद्रा की समस्या हो सकती है.
2. मेनोपॉज- मेनोपॉज (Menopause) के दौरान और यहां तक की मेनोपॉज के बाद भी कई महिलाओं में हॉट फ्लैश और रात में पसीना आने की वजह से नींद खराब होती है.
3. दवाइयां- सेहत से जुड़ी समस्याओं की वजह से बुजुर्गों को युवाओं की तुलना में ज्यादा दवा खानी पड़ती है. ऐसे में दवाइयों के साइड इफेक्ट्स की वजह से भी कई बार नींद न आने की दिक्कत हो जाती है.
4. एक्सरसाइज की कमी- अगर आप एक्सरसाइज (Lack of Exercise) नहीं करते, हर वक्त निष्क्रिय रहते हैं तो 2 बातें हो सकती हैं. या तो आपको कभी नींद नहीं आएगी या फिर हर वक्त नींद और आलस महसूस होगा. नियमित रूप से हल्की फुल्की एक्सरसाइज या ऐरोबिक्स करना फायदेमंद हो सकता है.
5. तनाव अधिक लेना- कई बार रिटायरमेंट का बाद जीवन कैसे कटेगा इसका तनाव (Stress), बच्चों का खुद से दूर होने का तनाव- इस तरह की कई बातें है जिस वजह से बुजुर्गों में स्ट्रेस अधिक होता है और तनाव, अनिद्रा का सबसे बड़ा कारण है.
6. नींद से जुड़ी बीमारियां- स्लीप ऐप्निया (Sleep Apnea), रेस्टलेस लेग सिंड्रोम- ये नींद से जुड़ी कुछ ऐसी बीमारियां हैं जिनकी वजह से बुजुर्गों को नींद न आने की समस्या हो सकती है.
अच्छी नींद के लिए आदतों में करें बदलाव
-सोने से कम से कम 1 घंटे पहले टीवी, कंप्यूटर, स्मार्टफोन जैसी सारी चीजों को बंद कर दें ताकि शरीर में नैचरली मेलाटोनिन (Melatonin) का उत्पादन होने लगे. यह नींद को बढ़ावा देने वाला हार्मोन है.
-जहां तक संभव हो कमरे में एकदम अंधेरा करके सोएं और बेडरूम को हल्का ठंडा रखें. उम्र बढ़ने पर रोशनी, आवाज और गर्मी के प्रति शरीर संवेदनशील हो जाता है जिससे अच्छी नींद नहीं आती.
-बेडरूम से घड़ी को बाहर कर दें. जब नींद नहीं आती तो घड़ी की टिक-टिक देखने की वजह से नींद की समस्या और बढ़ सकती है.
-रोजाना एक ही समय पर सोने जाएं और सुबह एक ही समय पर उठें. यहां तक कि वीकेंड पर भी. नींद का शेड्यूल बनाएंगे तो नींद से जुड़ी दिक्कत नहीं होगी.
-आप चाहें तो सोने से पहले गर्म पानी से नहा सकते हैं, अच्छा म्यूजिक सुन सकते हैं, कोई अच्छी किताब पढ़ सकते हैं, मेडिटेशन कर सकते हैं.