रक्षाबंधन का है त्योहार, हर तरफ है खुशियों की बहार, राखी बांधते वक्त भूलकर भी ना करें ये 5 गलतियां
रक्षाबंधन का त्योहार भाई-बहन के लिए बहुत खास होता है. पूरे साल एक-दूसरे से लड़ते-झगड़ते, प्यार करते निकल जाता है एक साल बाद भाई-बहन का यह खास दिन आता है. इन दिन बहन अपनी भाई की लंबी उम्र की कामना करते हैं. और भाई अपनी बहन की रक्षा का वचन देता है। राखी का त्योहार भाई-बहन के प्यार और अटूट विश्वास का प्रतीक है.
चंदन की डोरी, फूलों का हार,
आया सावन का महीना और राखी का त्योहार,
जिसमें झलकता है भाई-बहन का प्यार
मुबारक हो आपको राखी का त्योहार!
राखी की शुभकामनाएं.
श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को रक्षाबंधन का त्योहार मनाया जाता है. इस दिन बहनें भाई की कलाई पर प्रेम और स्नेह की डोर बांधती हैं और उनसे अपनी रक्षा का वचन लेती हैं. इस साल राखी का यह पर्व 12 अगस्त को मनाया जाएगा. ज्योतिषियों का कहना है कि रक्षाबंधन पर भाई की कलाई पर राखी बांधते वक्त लोग कई बड़ी गलतियां कर जाते हैं. रक्षा सूत्र बांधते वक्त आपको कुछ बातों का विशेष ख्याल रखना चाहिए
- रक्षा सूत्र तीन धागों का होना चाहिए. लाल, पीला और सफेद. अन्यथा लाल और पीला धागा तो होना ही चाहिए. रक्षा सूत्र में चंदन लगा हो तो बेहद शुभ होगा. कुछ न होने पर कलावा भी श्रद्धापूर्वक बांध सकते हैं.
- राखी के दिन भाई की कलाई पर काले रंग का सूत्र या राखी, खंडित राखी, प्लास्टिक की राखी और अशुभ चिह्नों वाली राखी बांधने से बचना चाहिए. भाई की कलाई पर ऐसी राखी को बांधना अशुभ समझा जाता है
- भाई की कलाई पर राखी बांधते वक्त बहनों का मुंह दक्षिण-पश्चिम दिशा की तरफ होना चाहिए. वहीं, भाइयों को उत्तर-पूर्व दिशा की ओर देखना चाहिए.
- राखी बांधते वक्त भाई को जमीन की बजाए पीढ़े पर बैठाना चाहिए. उसके सिर पर रुमाल या कोई साफ कपड़ा जरूर रखें. इससे भाई का भाग्योदय होता है. साथ ही भाई माथे पर तिलक के बाद टूटे चावल की जगह अक्षत लगाने चाहिए.
- रक्षाबंधन पर राहु काल और भद्रा काल में राखी बांधने से बचना चाहिए. ऐसा कहते हैं कि रावण की बहन ने भी भद्राकाल में अपने बाई की कलाई पर राखी बांधी थी और इसके बाद ही उसके साम्राज्य का विनाश हो गया था. तभी से भद्रा काल में भाई को राक्षी ना बांधने का चलन है.
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