महाराजा सूरजमल जी की 315 वी जयंती को हर्षोल्लास के साथ मनाई
हापुड़। आवास विकास कालोनी स्थिति एंजल प्ले स्कूल के प्रांगण में एक सभा का आयोजन किया गया जिसमे अ-भारतीय जाट जनजागृति संगठन के पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं ने महाराजा सूरजमल जी की 315 वी जयंती को बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया सभा की अध्यक्षता अनिल चौधरी व संचालन नवीन चौधरी के द्वारा किया गया।
मुख्य वक्ता राष्ट्रीय महासचिव व राष्ट्रीय युवा मामलों के प्रभारी मनोज तेवतिया जी ने महाराजा सूरजमल जी की जीवनी पर प्रकाश डालते हुए बताया कि महाराजा सूरजमल जी का जन्म औरंगजेब की मौत वाले दिन 13 फरवरी 1707 में हुआ था उनके बचपन का नाम सुजान सिंह पिता का नाम बदन सिंह था महाराजा सूरजमल जी का कद 7 फुट से भी अधिक था वह बहुत ही बलशाली,पराक्रमी,बलवान व दयालु परवर्ती के महान योद्धा थे 1733 में महाराजा सूरजमल जी ने लोहागढ़ (भरतपुर)रियासत की स्थापना की थी उन्होंने अपने जीवन काल में मुगलों व अंग्रेजों से 80 युद्ध लड़े और सभी में विजय प्राप्त की वह कभी भी किसी युद्ध में नही हारे थे उन्होंने भरतपुर में लोहागढ़ किले का निर्माण कराया जिस पर मुगलों और अंग्रेजों ने 13 बार आक्रमण किया परंतु वह कभी भी किले की दीवार तक को नहीं भेद पाए तेवतिया ने कहा कि महाराजा सूरजमल उसूलों के पक्के में थे इतिहास में एक बहुत प्रसिद्ध कथा प्रचलित भी है जब महाराजा सूरजमल जी ने दिल्ली पर अपनी फतेह हासिल के उपरांत गद्दी पर बैठने के लिए जा रहे थे तो महाराजा सूरजमल जी के दीवान ने कहा महाराज आप इस गद्दी पर बैठेंगे जहां मुगल बैठा करते थे यहां इस गद्दी की इतनी हैसियत नहीं कि आप इस गद्दी पर बैठे महाराजा को यह बात खटक गई और उन्होंने भारत की सबसे बड़ी रियासत की गद्दी को भरी सभा में लात मार दी और उसे ठुकरा दिया।
सभा के अंत में सभी ने महाराजा सूरजमल जी के चित्र पर पुष्प अर्पित कर अपनी श्रद्धा सुमन अर्पित की व फल वितरित कर धूमधाम से महाराजा सूरजमल जी की जयंती को मनाया।
मनोज तेवतिया,नवीन चौधरी,मनोज बाना, अनिल चौधरी,नीरज,अरुण चौधरी,जीत सिंह,सुनील चौधरी,आर्यन,गौरव,सुचिर मलिक,बंटी, देविन्दर आदि युवा उपस्तिथ रहे।
नवीन चौधरी
राष्ट्रीय प्रवक्त
अ-भारतीय जाट जनजागृति संगठन (रजि0)
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