जनपद में आयोजित हुई सेन्सीटाइजेशन वर्कशॉप, उघमियों व अधिकारियों को किया जागरूक
हापुड़ । उत्तर प्रदेश को “वन ट्रिलियन डॉलर” की अर्थव्यवस्था बनाना है। केन्द्र सरकार / राज्य सरकार द्वारा प्रदेश में विभिन्न सर्वेक्षणों को भी कराया जा रहा है जिससे उन आंकड़ों का प्रयोग कर “वन ट्रिलियन डॉलर” की अर्थव्यवस्था बनाने हेतु दिशा तय कर योजनाओं को बनाकर उनका कियान्वयन किया जा सके ।
सांख्यिकीय आंकड़ों के संग्रहण की गुणवत्ता एवं सर्वेक्षणकर्ता को सहयोग प्रदान करने के लिए प्रदेश में राष्ट्रीय सांख्यिकीय कार्यालय, भारत सरकार और अर्थ एवं संख्या प्रभाग, उoप्रo द्वारा आज कार्याशाला का आयोजन कराया जा रहा है जिससे सर्वेक्षणों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से उपस्थित सभी उद्यमी एवं अधिकारीगण तथा जनसामान्य के बीच प्रचार-प्रसार किया जा सके।
भारत सरकार एवं राज्य सरकार द्वारा वर्तमान में निम्न 05 सर्वेक्षण कराये जा रहे हैं :-
Annual Survey of Unincorporated Sector Enterprises (ASUSE)
• Annual Survey of Industries (ASI)
- Index of Industrial Production (IIP)
- Periodic Labour Force Survey (PLFS)
- National Sample Survey (NSS)
उक्त सर्वेक्षणों से कारखानों, परिवारों, छोटे व्यवसाय / दुकानों, स्वास्थ्य संबंधी एवं शिक्षा संबंधी आदि आंकड़े संग्रह किये जा रहे हैं। जो भी आंकड़े विभिन्न सर्वेक्षणों के माध्यम से केन्द्र / राज्य के अधिकारियों / कर्मचारियों द्वारा एकत्रित किये जा रहे है वह केवल सरकारी योजनाओं के उपयोगार्थ होते है। आंकड़ों को पूर्ण रूप से गोपनीय रखा जाता है किसी को भी व्यक्तिगत रूप से साझा नहीं किया जाता है।
अपर जिलाधिकारी ने बताया कि हापुड़ में की जा रही आज की यह कार्यशाला इसी परिपेक्ष में आयोजित की गयी है कि आप सभी सरकार द्वारा कराये गये विभिन्न प्रकार के सर्वेक्षणों से भिज्ञ हो एवं जनमानस को भी अवगत कराये कि सूचनाऐं गुणवत्तापरक दें, सूचना गोपनीय रखी जाती है इनका उपयोग सरकार के विभिन्न सेक्टरों में चाहें वह निर्माण, विनिर्माण एवं सर्विस आदि क्षेत्रों में योजना बनाकर उनका सफलतापूर्वक कियान्वयन कराने में किया जाता है। कार्यशाला के दौरान जिलाधिकारी प्रेरणा शर्मा मुख्य विकास अधिकारी प्रेरणा सिंह अपर जिलाधिकारी संदीप कुमार समस्त उपजिलाधिकारी गन तहसीलदार जिला अर्थ एवं सांख्यिकी अधिकारी विनायक शर्मा सहित जनपद के अधिकारी एवं उद्यमी मौजूद रहे। l