“आपके द्वार आयुष्मान-2.0” अभियान के तहत प्रधानों को किया जागरूक
धौलाना में ग्राम प्रधानों का टीबी के प्रति संवेदीकरण
“आपके द्वार आयुष्मान-2.0” के तहत आयुष्मान कार्ड बनवाने के लिए भी प्रेरित किया
ग्राम प्रधानों के प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान स्वास्थ्य विभाग कर रहा संवेदीकरण
हापुड़/ धौलाना । सिंभावली ब्लॉक के बाद शुक्रवार को धौलाना ब्लॉक में शुरू हुए नवनिर्वाचित प्रधानों के प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान क्षय रोग विभाग की ओर से ग्राम प्रधानों का टीबी के प्रति संवेदीकरण किया गया। इसके साथ ही “आपके द्वार आयुष्मान-2.0” अभियान के दूसरे दिन स्वास्थ्य विभाग की टीम धौलाना ब्लॉक कार्यालय स्थित कृषि भवन सभागार में आयोजित प्रशिक्षण कार्यक्रम में पहुंची। ग्राम प्रधानों को टीम की ओर से आयुष्मान भारत योजना की विस्तार से जानकारी दी गई। इसके साथ ही यह भी बताया कि योजना का लाभ उठाने के लिए हर लाभार्थी का आयुष्मान कार्ड (गोल्डन कार्ड) होना जरूरी है। प्रशिक्षण कार्यक्रम में एडीओ पंचायत शिवम पांडेय, डीपीआरसी हरकीरत सिंह, मास्टर ट्रेनर प्रियंका सिंह और आशुतोष शर्मा मुख्य भूमिका में रहे।
जिला क्षय रोग विभाग से जिला पीपीएम समन्वयक सुशील चौधरी और जिला पीएमडीटी समन्यवयक मनोज कुमार गौतम ने प्रशिक्षण में शामिल हुए ग्राम प्रधानों को टीबी के बारे में बताया। उन्होंने बताया टीबी कोई छुआछूत का रोग नहीं है। यह पीड़ित को छूने से नहीं फैलता। इसलिए टीबी पीड़ितों के साथ ऐसा व्यवहार न करें जिससे उन्हें पीड़ा हो। टीबी का वायरस केवल खांसने और छींकने पर फैलता है। टीबी के लक्षणों पर चर्चा करते हुए पीपीएम समन्वयक ने बताया- किसी को यदि दो सप्ताह से अधिक खांसी हो, बलगम के साथ खून आता हो, वजन अचानक कम होने लगे, बुखार रहता हो, रात में सोते समय पसीना आता हो या फिर थकान ज्यादा महसूस होती हो तो उसे टीबी हो सकती है।
ग्राम प्रधानों को बताया गया इनमें से कोई लक्षण आने पर नजदीकी स्वासथ्य केंद्र जाकर टीबी की निशुल्क जांच कराएं। स्वास्थ्य विभाग की ओर से टीबी का उपचार भी निशुल्क किया जाता है। लेकिन ध्यान रखें कि एक बार टीबी का उपचार शुरू होने के बाद बीच में न छोड़ें। ऐसा करने पर टीबी और खतरनाक हो जाती है और उपचार पहले से मुश्किल हो जाता है। टीबी की बीमारी को छिपाएं नहीं, यह किसी को भी हो सकती है। नियमित और पूरे उपचार से टीबी पूरी तरह ठीक हो जाती है।
आयुष्मान भारत योजना के जिला कार्यक्रम समन्वयक डा. मारूफ चौधरी के नेतृत्व में टीम ने ग्राम प्रधानों को बताया कि योजना के लाभार्थी परिवार हर वर्ष पांच लाख तक का निशुल्क उपचार प्राप्त करने के हकदार हैं। यह उपचार निजी और सरकारी चिकित्सालयों में प्राप्त किया जा सकता है, लेकिन इसके लिए लाभार्थी के पास आयुष्मान कार्ड (गोल्डन कार्ड) होना आवश्यक है। आयुष्मान कार्ड बनवाने के लिए लाभार्थी को केवल अपना आधार कार्ड, राशन कार्ड और मोबाइल नंबर लेकर नजदीकी जन सुविधा केंद्र या फिर आयुष्मान योजना से आबद्ध चिकित्सालय में जाना है।
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