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प्रेमी से शादी की जिद पर अड़ी युवत भाइयों ने गमछे से गला दबाकर 19 वर्षीय बहन की हत्या कर दी

प्रेमी से शादी की जिद पर अड़ी युवत भाइयों ने गमछे से गला दबाकर 19 वर्षीय बहन की हत्या कर दी

गाजियाबाद

झूठी शान में भाइयों ने गमछे से गला दबाकर 19 वर्षीय बहन की हत्या कर दी। शव को ठिकाने लगाने के लिए मुरादनगर गंग नहर में फेंक दिया। वारदात मुरादनगर थाना क्षेत्र में रेलवे पुल के पास शनिवार दोपहर चार बजे की है।

लौटते समय पुलिस ने चेकिंग में आरोपितों को पकड़कर पूछताछ की तो आरोपितों ने जुर्म कबूल लिया। वे दूसरे समुदाय के युवक से प्रेम-विवाह के खिलाफ थे, जबकि युवती प्रेमी से शादी की जिद पर अड़ी थी।

शव की तलाश में एनडीआरएफ ने रविवार को पूरे दिन सर्च आपरेशन चलाया। लेकिन शव नहीं मिला। आरोपितों की निशानदेही पर आलाकत्ल गमछा, मृतका के सैंडल, कपड़े, आधार कार्ड आदि सामान बरामद हुआ है। मामले में मुरादनगर पुलिस ने अपनी तरफ से केस दर्ज किया है।

आरोपित दो भाइयों को हिरासत में लेकर पूछताछ चल रही है। पुलिस के मुताबिक, मृतका की पहचान रुड़की के थाना सिविल लाइन क्षेत्र स्थित गांव जलालपुर की सीबा(19) पुत्री नवाब के रूप में हुई है। गांव के ही युवक आतिश से उसके प्रेम-प्रसंग थे, जिससे परिवार के लोग नाखुश थे।

इसको लेकर भाई सुफियान व पिता नवाब से रोजाना कहासुनी होती थी। इसको लेकर गांव में पंचायतें भी हुई, लेकिन कोई निष्कर्ष नहीं निकला। परेशान आकर तीन महीने पहले उन्होंने सीबा को दिल्ली के शाहदरा में ताऊ के बेटे महताब के घर भेज दिया। उन्हें उम्मीद थी कि वहां रहकर आतिश से दूर रहेगी तो कुछ समय बाद किसी दूसरे युवक से शादी करा देंगे। लेकिन ऐसा नहीं हुआ।

दोनों चोरी-छिपे फोन पर बातें करते रहे। समय-समय पर दिल्ली में आतिश से उसकी मुलाकात होती रही। कुछ दिन पहले सुफियान को इस बारे में पता चला तो महताब के साथ मिलकर सीबा की हत्या की साजिश तैयार की।

आरोपित शनिवार को ऑटो से दिल्ली पहुंचे। सीबा को घुमाने के बहाने मुरादनगर गंगनहर लेकर आए। यहां आरोपितों ने रेलवे पुल के निकट जंगल में ऑटो रोककर सीबा को पीटना शुरू कर दिया। इसके बाद महताब ने सीबा के हाथ पकड़े और सुफियान ने गमछे से गला दबाकर सीबा की हत्या कर दी। बाद में शव बोरी में भरकर गंग नहर में फेंक दिया।

मर जांऊगी लेकिन नहीं छोडूगी आतिश का साथ

आरोपितों से पूछताछ में सामने आया कि महताब दिल्ली में ही ऑटो चालक है। वह अपने साथी का ऑटो लेकर मुरादनगर आया था। सुफियान ने सीबा को गंग नहर पर घुमाने का झांसा दिया। तीनों सुबह 11 बजे दिल्ली से चले थे। रास्ते में उन्होंने खाना खाया।

सीबा को वारदात का एहसास तक नहीं होने दिया। मुरादनगर पहुंचने पर चितौड़ा पुल की तरफ उन्होंने ऑटो मोड़ दिया। रेलवे पुल से करीब एक किलोमीटर पहले ही ऑटो रोक दिया। इसके बाद तीनों पैदल गंग नहर किनारे पहुंचे। वहां महताब ने सीबा को आतिश से दूर रहने के लिए कहा, लेकिन उसने मना कर दिया, कहा मर जाऊंगी लेकिन आतिश को नहीं छोड़ूंगी।

इसपर महताब और सुफियान भड़क गए। सीबा की हत्या कर दी। लौटते समय थोड़ी ही दूरी पर मुरादनगर थाने की चीता बाइक पर दो पुलिसकर्मी आ रहे थे। उन्हें देख महताब भागने लगा। उसे लगा कि पुलिस ने उन्हें हत्या करते हुए देख लिया है। अब जब महताब पुलिस को देखकर भाग तो पुलिसकर्मियों ने पीछा कर उसे दबोचा। वह बुरी तरह बौखलाया हुआ था।

शक के आधार पर दोनों को थाने लाकर पूछताछ की तो मामले से पर्दा हटा। पुलिस ने मार्ग पर लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली। जिसमें तीनों गंगनहर की तरफ जाते दिख रहे हैं। पुलिस ने रुड़की से सीबा के स्वजन को बुला लिया। लेकिन उन्होंने कार्रवाई से मना कर दिया।

डिडौली से नाहल तक चलाया सर्च आपरेशन, नहीं मिला शव

शनिवार काे पीएसी व गोताखोरों की टीम ने रातभर गंगनहर में शव की तलाश की। लेकिन कोई सफलता नहीं मिली। रविवार को एनडीआरएफ की टीम यहां पहुंची और पूरे दिन सर्च आपरेशन चलाया। डिडौली पुल से लेकर मसूरी के नाहल की झाल तक टीम ने नाव से सर्च आपरेशन चलाया। नहर में जाल भी छोड़ा गया। लेकिन शव नहीं मिला।

पुलिस की सक्रियता से सीबा को मिल सकेगा न्याय

वारदात के बाद आरोपित अंडरग्राउंड होने की फिराक में थे। यदि पुलिस उन्हें रास्ते में चेकिंग के दौरान रोककर पूछताछ नहीं करती तो शायद सीबा को कभी न्याय नहीं मिल पाता। सीबा की हत्या स्वजन ने प्री-प्लान तरीके से की। सभी को पता था कि सुफियान और महताब हत्या करने जा रहे हैं। ऐसे में कोई भी सीबा की गुमशुदगी दर्ज नहीं कराता। ना ही सीबा के सिलसिले में बात होती। ऐसे में सीबा की हत्या का मामला गंग नहर में ही दफन हो जाता।

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