कॉलोनाइजर के साथ मिलकर निगम अधिकारियों ने नियम विरूद्ध दी बिजली सप्लाई
हापुड़। सिकंदरगेट इलाके में नियम विरूद्ध कॉलोनी को बिजली सप्लाई देने का मामला सामने आया है। यहां, कॉलोनाइजर से मिलकर निगम के अधिकारियों ने पीसीसी पोल पर ही 11 केवी क्षमता की हाईटेंशन लाइन खींच दी, जबकि नियम स्टील टयूबलर पोल पर लाइन बनाने का है। इस मामले में हुई शिकायत का ऊर्जा मंत्री ने संज्ञान लिया है। उच्च स्तरीय जांच कमेटी गठित कर, सत्यापन शुरू कर दिया गया है।
दरअसल, मोती कॉलोनी और सिकंदर गेट इलाके में ऊर्जीकरण का काफी कार्य बाकी है। इन इलाकों में नई कॉलोनियां भी आबाद की जा रही हैं, जिसमें ऊर्जा निगम के अधिकारियों से मिलकर खूब फर्जीवाड़ा हो रहा है। 11 केवी की लाइन के एस्टीमेट में स्टिल टयूबलर पोल सम्मिलित होते हैं, क्योंकि ये ऊर्जा निगम की नियमावली में शामिल हैं।
जबकि धरातल पर पीसीसी पोल पर लाइन बनाने का कार्य हो रहा है। इस घपले में अधिकारियों से लेकर काम करने वाली कार्यदायी संस्था भी शामिल हो सकती है।
क्योंकि संस्था के माध्यम से ही इस तरह के फर्जीवाड़े का पैसा अधिकारियों तक पहुंचता है। इस मामले में ऊर्जा मंत्री से शिकायत की गई थी, जिसका संज्ञान लिया गया है और उच्च स्तरीय टीम गठित कर, जांच के आदेश दिए हैं।
गढ़ क्षेत्र के एक्सईएन, जेई पर भी हुई कार्यवाही
बिजलीघर को रातभर बंद रखने के मामले में हाल ही में गढ़ डिवीजन के एक्सईएन और अवर अभियंता को निलंबित किया गया था। इसी बिजलीघर के एक अन्य एक्सईएन को कार्य में लापरवाही बरतने पर सर्किल कार्यालय से अटैच किया गया है।
करोड़ों के पोर्टल फर्जीवाड़े में चल रही जांच
ऊर्जा निगम के गढ़ डिवीजन कार्यालय से किए गए पोर्टल फर्जीवाड़े की जांच चल रही है। विजिलेंस ने फर्जीवाड़े के पूरे साक्ष्य अधिकारियों को सौंपे थे, फिर भी इस मामले में उक्त पटल का कार्य देख रहे लिपिक को ही सर्किल से अटैच किया गया है। करोड़ों का गबन करने वाले अधिकारियों को जांच के नाम पर बचाने का कार्य हो रहा है।
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