fbpx
News

धीरखेड़ा इंडस्ट्रियल एरिया स्थित फैक्ट्री से पकड़े गए चार बंग्लादेशी घुसपैठिएं

हापुड़/ खरखोदा।

मेरठ के धीरखेड़ा में ATS ने एक जूता फैक्टरी से चार बांग्लादेशी नागरिकों को पकड़ा है। जो फर्जी आईडी बनवाकर रह रहे थे।

ATS की पूछताछ में घुसपैठियों ने कुबूल किया कि वह अवैध तरीके से बॉर्डर पार करके बांग्लादेश से आते जाते थे। पुलिस को भनक लगे बिना कैसे ये बांग्लादेशी हिंदुस्तान में रहकर अपना नेटवर्क चलाते हैं यह भी बताया।

ATS के पास बांग्लादेशी नागरिकों का अवैध तरीके से भारत में एंट्री कर मेरठ में रहने का इनपुट था। बांग्लादेशी नागरिकों की लोकेशन मेरठ खरखौदा थाना के धीरखेड़ा गांव में बताई जा रही थी। इनपुट अनुसार, पता चला कि ये बांग्लादेशी बॉर्डर पार कर अवैध तरीके से भारत में घुसे हैं। ये लोग फर्जी कागजात बनवाकर भारत में रह रहे हैं।

ये भी सूचना मिली कि ये चारों धीरखेड़ा में एक जूता बनाने की की फैक्ट्री में काम करते हैं।

इनपुट के आधार पर ATS ने सचिंग की तो पता चला कि चार बांग्लादेशी धीरखेड़ा में सूर्या इंटरनेशनल जूता फैक्ट्री में काम करते हैं। जिन्होंने गलत सूचनाएं देकर फर्जी आइडी बनवाए। अब चारों बांग्लादेशी भारत में रह रहे हैं। एटीएस टीम शनिवार को इन चारों बांग्लादेशी नागरिकों को पकड़ने धीरखेड़ा पहुंची। चारों बांग्लादेशी नागरिकों को पकड़ लिया। एटीएस पकड़कर खरखौदा थाना लाई। चारों पर खरखौदा थाने में मुकदमा दर्ज किया गया है। पूछताछ की जा रही है।

पूछताछ में चारों बांग्लादेशियो ने भारत में अवैध तरीके से प्रवेश से लेकर फर्जी डॉक्यूमेंट बनवाने की बात कही। उन्होंने बताया कि वह 2021 से सूर्या इंटरनेशनल जूता फैक्ट्री में काम रहे हैं। जबकि मोंटू और मोज्जेम 2021 से पहले लुधियाना पंजाब में एक स्वेटर फैक्ट्री में काम करते थे।

चारों ने बताया कि हम अवैध तरीके से बॉर्डर पार कर भारत में दाखिल हुए। अगरतला त्रिपुरा के रहने वाले जोशमिया और बंग्लादेश के शाहजान ने हमें अवैध तरीके से बॉर्डर पार कराया था। भारत से हम लोग हुमांयू खान जो बंग्लादेश का ही रहने वाला है उसके जरिए बांग्लादेश पैसे भेजते रहते हैं।

हम लोग मुख्य रूप से बांग्लादेशी हैं। पिछले कई सालों से अवैध तरीके से बॉर्डर पार करके गैरकानूनी ढंग से भारत में रह रहे हैं। आज तक कोई हमें पकड़ नहीं सका। भारत में आकर खुद को भारतीय नागरिक बनाने के लिए हमने फर्जीवाड़े से गलत तथ्यों के आधार पर अपना आधार कार्ड, पेनकार्ड और दूसरे दस्तावेज तैयार करवाया।
दबिश की सूचना पर भागने की थी तैयारी

चारों ने पूछताछ में कुबूला कि उन्हें एटीएस की इस धरपकड़ की सूचना पहले ही मिली गई है। इसके बाद वो आज बचकर भाग रहे थे। उनकी प्लानिंग शनिवार को ही बांग्लादेश जाने की थी। हमारी योजना मेरठ से भागकर अगरतला के रास्ते बांग्लादेश वापस जोन वाले थे। लेकिन हम भाग नहीं पाए।

इन चारों के पास आधार कार्ड, पेन कार्ड, मोबाइल, 4 बंग्लादेशी सिम, 5 भारतीय सिम, केनरा बैंक, एक्सिस बैंक, आंध्रा बैंक, एचडीएफसी बैंक, इंडसइंड बैंक के डेबिट कार्ड बरादम हुए हैं।
गिरफ्तार सोजिब खान पुत्र मो. मोज्जिम खान मूल रूप से गोसाई, बाडी घोनूर, बबूरा जिला बंग्लादेश का रहने वाला है। लेकिन इसके पास महागनी पश्चिमी चंपारण बिहार का आधार कार्ड मिला है। पूछताछ में बताया कि वो अप्रैल 2022 में बंग्लोदश से धीरखेड़ा आया और यहीं जूता कंपनी में काम करता है।,मो. माजिदुल खान पुत्र मौ. अजीमुद्दीन दोखिन, तीतपारा, डिमला, जिला निलफामरी, बंग्लादेश का रहने वाला है। लेकिन इसके पास बराचुपरिया नाडिया वेस्ट बंगाल का आधार कार्ड मिला है। पूछताछ में बताया कि 2021 में बंग्लादेश से धीरखेड़ा मेरठ में काम करने आया, तबसे यहीं काम करता है, मो. मोन्टू खान पुत्र अजमुद्दीन दोखिल तीतपारा थाना डिमला, जिला निलफामरी, बंग्लादेश इसके पास रामनगर पश्चिम बंगाल की 10वीं की टीसी, थाना कलना पश्चिम बंगाल का बर्थ सर्टिफिकेट, लुधियाना पंजाब के पते का आधार कार्ड मिला है। पेन कार्ड, डेबिट कार्ड भी मिला है। मोंटू ने बताया कि वो 2014 में बांग्लादेश से लुधियाना पंजाब आया वहां स्वेटर बनाने की फैक्ट्री में 2021 तक काम करता रहा। बाद में मेरठ धीरखेड़ा में स्वेटर बनाने की फैक्ट्री में 2021 तक काम करता रहा। बाद में मेरठ धीरखेड़ा में जूता कंपनी में काम करने आ गया, मो. मौज्जेम खान पुत्र अनीसुर खान चुनियावाडा पोस्ट गोसाई बडी जिला बोगरा, बंग्लादेश का रहने वाला है। इसके पास वालसाद गुजरात का आधार कार्ड, पेन कार्ड, डेबिट कार्ड भी मिले हैं। मौज्जेम ने पूछताछ में बताया वो 2014 में बांग्लोदश से लुधियाना पंजाब आया। यहां 2021 तक उसने स्वेटर बनाने वाली फैक्ट्री में काम किया। इस बीच वो बंग्लादेश भी आता जाता रहा। 2021 से जूता कंपनी धीरखेड़ा में काम करता है।

Show More

3 Comments

  1. Pingback: Web Hosting

Leave a Reply

Back to top button

You cannot copy content of this page