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SIP के जरिए निवेश को लेकर ये हैं 7 सबसे बड़े मिथक, दूर कर लीजिए फायदे में रहेंगे

नई दिल्ली: Common Myths of SIP: क्या आपके मन में भी म्यूचुअल फंड्स, SIP, निवेश जैसे शब्द सुनकर भारी भरकम ख्याल आने लगते हैं, और आपको लगने लगता है कि ये आपके बस की बात नहीं. दरअसल ऐसा इसलिए है क्योंकि आपको इन चीजों को लेकर या तो अधूरी जानकारी है, या फिर जो भी जानकारी है वो गलत है. हम यहां पर आपको सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) को लेकर 7 ऐसे Myth यानी मिथक बताने जा रहे हैं जो अक्सर लोगों के मन में रहते हैं. 

मिथक नंबर 1- SIP सिर्फ छोटे निवेशकों के लिए है. 

सच्चाई- ऐसा सोचना बिल्कुल गलत है. SIP की शुरुआत आप भले ही 500 या 100 रुपये की छोटी रकम से कर सकते हैं. लेकिन इसका मतलब ये नहीं है कि आप रकम बढ़ा नहीं सकते. आप 1 लाख रुपये या इससे ज्यादा की रकम भी SIP के जरिए म्यूचुअल फंड्स में निवेश कर सकते हैं. आपको SIP के जरिए कितना पैसा निवेश करना है ये इस बात पर निर्भर करता है कि आपका लक्ष्य कितना है.

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मिथक नंबर 2: SIP एक ‘निवेश प्रोडक्ट’ है

सच्चाई- SIP का मतलब होता है, सिस्टमैटिक इनवेस्टमेंट प्लान, ये कोई प्रोडक्ट नहीं है बल्कि एक तरीका है जिसके जरिए आप म्यूचुअल फंड में नियमित अंतराल पर निवेश करते हैं. मतलब आप SIP के जरिए निवेश करते हैं, SIP में निवेश नहीं करते. SIP के जरिए आप उस म्यूचुअल फंड को चुनते हैं जिसमें आप निवेश करना चाहते हैं और पैसे डालते हैं. आप अपनी रिस्क क्षमता के मुताबिक इक्विटी या डेट म्यूचुअल फंड्स का चुनाव करते हैं. 

मिथक नंबर 3- बाजार में उछाल के दौरान SIP न करें 

सच्चाई: ये आमतौर पर हर दूसरा व्यक्ति सोचता है कि बाजार जब गिरेगा तब हम SIP के जरिए निवेश करेंगे. जबकि ऐसा बिल्कुल नहीं है. लंबी अवधि के लिए SIP करने पर बाजार के उतार चढ़ाव का आपके निवेश पर असर नहीं पड़ता, यानी आप रेगुलर SIP करते हैं तो बाजार की गिरावट में आपको ज्यादा यूनिट मिलती हैं, और जब बाजार चढ़ता है तो कम, ऐसे में लंबी अवधि में बाजार के उतार चढ़ाव का असर खत्म हो जाता है. 

मिथक नंबर 4: SIP की रकम को बदल नहीं सकते 

सच्चाई: इस भ्रम को दिमाग से निकाल दीजिए, SIP इतना फ्लेक्सिबल है कि आप जब चाहें निवेश की राशि को घटा या बढ़ा सकते हैं. जब आपको लगे कि आप SIP की रकम में इजाफा करना चाहते हैं या घटाना चाहते, आप कर सकते हैं. आप निवेश की समय सीमा को भी घटा या बढ़ा सकते हैं. 
हालांकि कुछ फंड्स के लिए SIP की न्यूनतम राशि और समयसीमा तय होती है. आपको इसे बदलने के लिए दस्तावेज और फॉर्म भरने की जरूरत होगी. लेकिन कोई जुर्माना या शुल्क नहीं लगेगा. 

मिथक नंबर 5- जब बाजार गिरे तो SIP रोक दें 

सच्चाई- जब शेयर बाजार में गिरावट होती है तो SIP के जरिए आप ज्यादा से ज्यादा यूनिट्स हासिल करते हैं, ऐसे में ये कहना कि जब शेयर बाजार टूट जाए तो अपनी SIP रोक देना चाहिए, सही सलाह नहीं है. बल्कि अगर आप ऐसा करते हैं तो आप बाजार में बेहतरीन कमाई का मौका गंवा रहे हैं. SIP के जरिए निवेश करने का मकसद ही फेल हो जाएगा अगर आप बाजार की गिरावट में निवेश बंद कर देंगे. हां आप ये जरूर कर सकते हैं कि अपने निवेश लक्ष्यों को हासिल करने के लिए अच्छे म्यूचुअल फंड्स का चुनाव करें और रेगुलर SIP जारी रखें 

मिथक नंबर 6- एक ही SIP सालों तक चलाएं 

सच्चाई- अक्सर लोग एक ही SIP की राशि को सालों तक जारी रखते हैं, बल्कि अगर आप मोटा पैसा जमा करना चाहते हैं तो समय समय पर आपको SIP की रकम को भी बढ़ाते रहना चाहिए. जैसे हर साल आपकी सैलरी बढ़ती है तो उसी अनुपात में आपकी SIP की रकम भी बढ़नी चाहिए. 

मिथक नंबर 7- SIP गारंटीड रिटर्न देता है 

सच्चाई- SIP के जरिए म्यूचुअल फंड्स में निवेश से आपको रिटर्न की कोई गारंटी नहीं मिलती है. म्यूचुअल फंड्स मार्केट लिंक्ड होते हैं इसलिए जैसे जैसे मार्केट परफॉर्म करता है आपका रिटर्न भी प्रभावित होता है. लेकिन लंबी अवधि में SIP के जरिए निवेश से आप अच्छा रिटर्न हासिल करते हैं. जो आमतौर पर दूसरे पुराने डेट इंस्ट्रूमेंट्स से ज्यादा होता है. 

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