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गाजियाबाद में असलहे की फैक्ट्री का भंडाफोड़, चार आरोपित गिरफ्तार; 14 पिस्टल और कारतूस बरामद

गाजियाबाद में असलहे की फैक्ट्री का भंडाफोड़, चार आरोपित गिरफ्तार; 14 पिस्टल और कारतूस बरामद

गाजियाबाद:

मधुबन बापूधाम थाना क्षेत्र के मेरठ रोड स्थित मोरटा में डिजिटल खराद मशीन फैक्ट्री की आड़ में चल रही असलहे बनाने की अवैध फैक्ट्री का मेरठ एसटीएफ व पुलिस ने पर्दाफाश किया है। पुलिस ने मौके से फैक्ट्री मालिक समेत चार आरोपितों को गिरफ्तार कर मौके से 14 पिस्टल, आठ कारतूस, 1.58 लाख रुपये, ब्रेजा कार, बाइक और असलहा बनाने के उपकरण बरामद किए हैं।

हथियार बनाने के साथ सप्लाई भी करते थे

आरोपित पिस्टल व तमंचा बनाने के साथ उन्हें सप्लाई भी कर रहे थे। मेरठ एसटीएफ के एएसपी ब्रिजेश कुमार सिंह ने बताया कि टीम को सूचना मिली थी कि मेरठ रोड स्थित मोरटा औद्योगिक क्षेत्र में डिजिटल खराद मशीन से मशीनरी पार्ट बनाने वाली फैक्ट्री की आड़ में अवैध असलहे बनाने का धंधा किया जा रहा है। इस पर इंस्पेक्टर रविंद्र कुमार के नेतृत्व में टीम का गठन कर मधुबन बापूधाम पुलिस को सूचना दी गई।

फैक्ट्री में पुलिस ने की छापेमारी

एसटीएफ व थाने की पुलिस ने संयुक्त रूप से कार्रवाई करते हुए फैक्ट्री में छापामारी की। एसीपी कविनगर अभिषेक श्रीवास्तव ने बताया कि फैक्ट्री एसआरएच इंडिया इंडस्ट्रीज के नाम से चल रही थी। छापामारी में मौके पर हथियार बनते हुए पाए गए। मौके से फैक्ट्री मालिक समेत चार आरोपितों को गिरफ्तार किया गया। पकड़े गए आरोपितों में डासना का शाह फहद, जावेद, नंदग्राम के दीनदयालपुरी के सादिक व मेरठ मुंडाल के गांव आलमपुर का शिवम शामिल हैं।

शाह फहद फैक्टरी मालिक है, जबकि अन्य उसके कर्मचारी हैं। पूछताछ में आरोपितों ने बताया कि उनकी फैक्ट्री में विभिन्न कंपनियों के मशीनरी पार्ट बनाए जाते हैं। इसके लिए उन्होंने डिजिटल खराद मशीन भी लगाई हुई है। इसमें पार्ट का डिजाइन फीड किया जाता है, जिसके बाद मशीन ऑटोमैटिक ही लोहे को उसी डिजाइन में काटकर बाहर निकालती है। इसी मशीन में पिस्टल बनाई जा रही थीं।

80 से अधिक पिस्टल बेच चुके आरोपित

इसके चलते फैक्ट्री में बनाई गई पिस्टल की फिनिशिंग काफी बेहतर थी। पूछताछ में पता चला है कि फैक्ट्री मालिक शाह फहद का पिता नसीम अहमद भी अवैध हथियारों का धंधा करता है। एसीपी कविनगर अभिषेक श्रीवास्तव ने बताया कि आरोपित पूर्व में 80 से अधिक पिस्टल बेच चुके हैं। वह पिस्टल एक लाख रुपये व तमंचा पांच हजार रुपये में बेचते थे।

पूछताछ में पता चला है कि वह मेरठ के लिसाड़ी गेट के इस्लामाबाद के शकील उर्फ टोपी को 30 पिस्टल, मेरठ कोतवाली के सराय बहलीम के परवेज उर्फ फर्रो को 28 पिस्टल, बैनी सराय के नदीम उर्फ कालिया को आठ पिस्टल, बुलंदशहर के कसाऊबाड़ी मस्जिद वाली गली के सलीम, मामन रोड के शादाब को 10 पिस्टल, डासना के बबलू उर्फ हिफजुर्रहमान व नसीम, बुलंदशहर के सिकंदराबाद के कसाईवाड़ा के फैजान को भी पिस्टल बेच चुका है।

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