समर्थ शिशु राम कथा का उद्देश्य श्रीराम के जीवन आदर्शों को बाल,युवा पीढ़ी तक पहुंचाना है:स्वाति, संजय कृपाल, हरीश मित्तल

समर्थ शिशु राम कथा का उद्देश्य श्रीराम के जीवन आदर्शों को बाल,युवा पीढ़ी तक पहुंचाना है:स्वाति
-समर्थ शिशु राम कथा का आयोजन 23 से 27 अपै्रल तक होगा:पूनम
-कथा में पं.श्याम स्वरूप मनावत करेंगे प्रवचन
,हापुड़ ।
शिक्षा भारती की अध्यक्षा स्वाति गर्ग ने कहा कि समर्थ शिशु राम कथा का उद्देश्य न केवल श्रीराम के जीवन आदर्शों को बाल एवं युवा पीढ़ी तक पहुंचाने का माध्यम है। बल्कि गर्भावस्था से लेकर बाल्यावस्था तक के वैज्ञानिक पहलुओं को भारतीय सांस्कृतिक दृष्टिïकोण से जोडऩे का एक प्रयास भी है।
सोमवार को शिक्षा भारती की अध्यक्षा स्वाति गर्ग पत्रकारों से वार्ता कर रही थी। उन्होंने कहा कि इस कथा का उद्देश्य माता पिता को बाल पालन की सही दिशा,मानसिक और नैतिक विकास के उपाय तथा पारिवारिक संस्कारों की वैज्ञानिक पृष्ठभूमि के साथ जानकारी देना है।
सदस्य संजय कृपाल ने बताया कि समर्थ शिशु राम कथा विशेष रूप से उन सभी संयुक्त परिवारों के लिए उपयोग होगा,जो विघटन होते जा रहे है,और जो अपने बच्चों के भविष्य को उज्ज्वल,चरित्रवान और संस्कारित बनाना चाहते है। कथा में श्रद्घालुओं को धार्मिक शिक्षाएं मिलेंगी,विशेषज्ञों द्वारा वैज्ञानिक तथ्यों पर आधारित संवाद एवं कार्यशालाओं का भी आयोजन होगा।
कार्यक्रम की संयोजित पूनम अग्रवाल ने बताया कि कथा का आयोजन 23 से 27 अप्रैल तक मोदीनगर रोड स्थित ब्रहमादेवी सरस्वती बालिका विद्या मंदिरके परिसर में स्थित स्वास्ति सभागार में होगा। जिसमें कथा व्यास पं.श्याम स्वरूप मनावत प्रवचनों के माध्यम से श्रीराम कथा को विशेष रूप से प्रस्तुत करेंगे।
इस अवसर पर शिक्षा भारती से कोषाध्यक्ष अनिल अग्रवाल,मंत्री हरीश मित्तल आदि उपस्थित रहे।