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यूपी बोर्ड परीक्षा में पास कराने के नाम पर ठगी का प्रयास

यूपी बोर्ड के सचिव ने एडवाइजरी जारी कर सतर्क रहने को कहा

गाजियाबाद। नंदग्राम की रश्मि सिंह के बेटे ने हाईस्कूल का एग्जाम दिया था। उसका अंग्रेजी का पेपर ज्यादा अच्छा नहीं गया था। एक सप्ताह पहले रश्मि के पास कॉल आया और नंबर बढ़वाने का दावा किया गया। कॉल करने वाले ने लिंक भेजा, जिस पर 5 हजार रुपये की पेमेंट करने को कहा। रश्मि बेटे के भविष्य के लिए रुपये ट्रांसफर करने वाली थी, तभी उस नंबर पर दोबारा कॉल कर बात करने का सोचा। तब उस नंबर पर बात नहीं हुई।

उसी दौरान एक साइबर एक्सपर्ट ने ठगों का नंबर होने का अंदेशा जताया। फिर उन्होंने नंबर ब्लॉक कर दिया। बोर्ड परीक्षा देने वालों के घर ऐसी ही कॉल आ रही हैं। कहीं नंबर बढ़वाने का दावा किया जा रहा है तो कहीं पास कराने का। ठग डर दिखा रहे कि रुपये नहीं दिए तो बच्चा फेल हो जायेगा। यूपी बोर्ड के सचिव तक ऐसी शिकायतें पहुंची तो उन्होंने एडवाइजरी जारी कर सतर्क रहने को कहा। बोले ठगों की यह चाल है। बोर्ड परीक्षा में पैसे लेकर न तो नंबर बढ़ाए जाते हैं और न ही ऐसी कॉल आए तो जिला विद्यालय निरीक्षक को सूचना दें।

यूपी बोर्ड की कॉपियां चेक हो चुकी हैं। इस महीने के अंत तक बोर्ड रिजल्ट जारी कर सकता है। बच्चों में कई बार ऐसा डर होता है कि किसी विषय में उनके नंबर कम आएंगे। परिवार वाले भी परेशान होते हैं। ठगों ने इसी परेशानी को अपना हथियार बनाकर ठगी की कोशिश की है। कॉल कर हाईस्कूल या इंटरमीडिएट के एग्जाम में पास कराने या नंबर बढ़वाने का दावा कर रहे हैं। इसके लिए 5 से 50 हजार रुपये तक की डिमांड की जा रही है। पेमेंट के लिए लिंक भेजा जा रहा है।

स्कूल ने यूपी बोर्ड का सकुर्लर आने से पहले से ही बच्चों को जागरूक करना शुरू कर दिया था। ऐसी कॉल्स पर बिल्कुल भी ध्यान न दें। – केबी सिंह, प्रधानाचार्य, सेठ मुकुंद लाल इंटर कॉलेज

सइबर एक्सपर्ट की सलाह

सइबर सेल प्रभारी अनिल यादव ने बताया कि साइबर टीम को जांच में लगाया गया है। इन बातों का ध्यान रखेंगे तो ठगी से बच सकेंगे –

  • बोर्ड एग्जाम का रिजल्ट बेहद गोपनीय होता है। कोई उसके बारे में जानकारी दे तो विश्वास न करें।
  • कॉल करने वाला आपकी बेसिक जानकारी जैसे बच्चे का नाम, आपका नाम आदि बता सकता है, फिर भी यकीन न करें।
  • ठग पैरेंट्स को यकीन दिलाने के लिए जांची गई कोई फर्जी कॉपी भी भेज सकते हैं।
  • कोई ऐसा दावा करे तो नजदीकी थाने में, पुलिस कंट्रोल रूम के 112 या साइबर सेल में शिकायत दें।

अभी यहां से ऐसे कॉल की कोई शिकायत तो नहीं मिली है। फिर भी बच्चों व अभिभावकों को सतर्क रहने को कहा जा रहा है। – राजेश श्रीवास, डीआईओएस

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