झूठा मुकदमा कराने वाली महिला पर 50 हजार का जुर्माना
हापुड़।
हापुड़ में जिला एवं सत्र न्यायाधीश / विशेष न्यायाधीश पोक्सो एक्ट की अदालत ने बेटी के साथ रेप का झूठा मुकदमा दर्ज कराने के आरोप में एक महिला पर 50 हजार का जुर्माना लगाया है। अदालत ने आरोपी अधिवक्ता और गर्भपात के आरोप वाली नर्स को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया।
विशेष लोक अभियोजक पोक्सो हरेंद्र त्यागी ने बताया कि नगर एक मोहल्ले में रहने वाली महिला ने 20 जुलाई 2021 कोतवाली में तहरीर दी थी। जिसमें महिला ने बताया था कि पिलखुवा क्षेत्र के गांव देहपा का रहने वाला अधिवक्ता उसके पड़ोस स्थित एक मकान में रहता था। अधिवक्ता का उसके घर काफी आना-जाना था। घरेलू कार्य कराने के लिए अधिवक्ता उसकी 13 वर्षीय पुत्री को अपने घर बुला लेता था। अधिवक्ता ने समय-समय पर उसकी पुत्री के साथ दुष्कर्म किया। जिस कारण किशोरी गर्भवती हो गई थी।
अधिवक्ता ने उपचार कराने के नाम पर 16 जुलाई 2021 को मोहल्ला रफीक नगर में रहने वाली एक नर्स से किशोरी का गर्भपात करा दिया था। मामले में पुलिस ने अधिवक्ता और नर्स के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की थी। पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। जांच के बाद दोनों आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की।
गुरुवार को अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश / विशेष न्यायाधीश पोक्सो एक्ट श्वेता दीक्षित ने फैसला सुनाया। अदालत ने आरोपी अधिवक्ता और नर्स को साक्ष्य के आभाव में दोषमुक्त कर दिया। वहीं, मुकदमे की वादी महिला को झूठा मुकदमा दर्ज कराने के मामले में दोषी माना। उस पर 50 हजार का जुर्माना लगाया है।
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