ए टी एम एस कॉलिज में शिक्षकों ने मनाया आर्द्रभूमि (वेटलैंड) दिवस
हापुड़़।
अच्छेजा स्थित ए टी एम एस कॉलिज के शिक्षकों ने ज्ञानवर्द्धन और जल व भूमि के प्रति जागरूकता हेतु आर्द्रभूगि दिवस पर गोष्ठी का आयोजन किया | का विषय था गोष्ठी ‘जीव संरक्षण में आर्द्र भूमि का महत्व’ को
अन्तर्राष्ट्रीय आर्द्र भूमि दिवस पर शिक्षको सम्बोधित करते हुए कार्यकारी निदेशक डॉ. राकेश अग्रवाल ने कहा कि प्राणियों के जीवन में जल से भरी आर्द्र भूमि की बड़ी उपयोगिता है। आई भूमि में प्राकृतिक या कृत्रिम जलमग्न भूमि आती है। पोखर, झील, नदी, झरने, नहर, बांध, दलदली भूमि आदि जल प्लावित क्षेत्र आर्द्र भूमि में आते हैं। इनसे मछलियों, जलमूर्गियों जैसे जलजीवों को संरक्षण प्राप्त होता है।
पोलिटिकल के हेड इंजी. विद्युत भद्रा ने कहा कि विश्व में वेटलैंड्स के संरक्षण के लिए रामसर नाम का एक संगठन कार्यशील है। जिसके 168 देश सदस्य हैं। कुल 2185 वेटलैंड्स में से 26 भारत में हैं। भारत में 116500 हेक्टेयर में फैली चिलका झील (उड़ीसा) सबसे बड़ा वेटलैंड है।
बी० एड० के प्राचार्य डॉ. गिरीश वत्स और डीन डॉ० संजय कुमार ने बताया कि भारत में 1987 में राष्ट्रीय वेटलैंड प्रबन्धन कमेटी की स्थापना हुई। त्रिलोक चन्द्र सिंहल, प्रो. एस. पी० राघव, सोहन पाल, रिशु सिंह, नीरज, राहुल, स्वीटरी, मूलचन्द, आसिफ, संदीप ने विचार व्यक्त किये।
चेयरमैन नरेन्द्र अग्रवाल व सेक्रेटरी रजत अग्रवाल ने ऐसे विषयों पर गोष्ठियों को उपयोगी बताते हुए सराहना की।
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