2 अप्रैल 18 में हापुड़ में हुई आगजनी व तोड़फोड़ मामलें में दर्ज मुकदमें वापस लेनें की मुख्यमंत्री से दलित समाज ने की मांग,डीएम के माध्यम से भेजा ज्ञॉपन


हापुड़(अमित अग्रवाल मुन्ना).

जनपद में दलित समाज पर एससीएसटी एक्ट के संबंध में दर्ज हुए 2 अप्रैल 2018 आंदोलन के सभी मुक़दमे वापस लिए लेनें के लिए मुख्यमंत्री को सम्बोधित एक ज्ञॉपन दलित समाज नै डीएम को सौंपा।
पत्र में कहा गया कि सदियों से दबे कुचले शोषित दलित समाज के संरक्षण के लिये बने संवैधानिक SC/ST Act 1989 कानून में सुप्रीम कोर्ट के 20 मार्च 2018 के आदेश के खिलाफ समस्त दलित समाज एवम सर्व समाज के प्रबुद्व लोगों के आह्वान पर 2 अप्रैल 2018 को लोकतांत्रिक तरीके से भारत बंद का आह्वान किया गया था जिसमें देश के समस्त दलित समाज और सर्व समाज के प्रबुद्ध लोगों ने बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया और शांतिपूर्वक अपनी उपस्थिति दर्ज कराई थी। जिसके पश्चात दलितों की पीड़ा को समझते हुए माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने अध्यादेश के जरिये SC/ST Act कानून को और अधिक प्रभावी बनाने का काम किया जिसके लिए समस्त दलित समाज माननीय प्रधानमंत्री जी का सदैव आभारी रहेगा। लेकिन इस शांतिपूर्ण बंद को बदनाम करने के लिए कुछ असामाजिक तत्वों द्वारा जानबूझकर हिंसा की गई और पुलिस द्वारा आनन फानन में बिना उचित जांच के बंद में शामिल दलित समाज के भोले और मासूम लोगों को मुकदमो में नामदर्ज कर दिया गया जो सरासर अनुचित था और परिणाम स्वरूप आज ये लोग अपनी निम्न आर्थिक स्थिति के कारण मुकदमे लड़ने में भी असमर्थ हैं।
इसलिए आपसे विनम्र निवेदन है कि उपरोक्त प्रकरण में 2 अप्रैल 2018 आंदोलन को लेकर दलित समाज के लोगों पर दर्ज किये गये सभी मुक़दमे जनहित और दलित हित में वापस लेने की कृपा करें आपके मुक़दमे वापसी आदेश से दलित समाज का भला होगा और साथ ही पंडित दीन उपाध्याय और बाबा साहब डॉ भीम राव अम्बेडकर जी के सपनों के भारत का निर्माण होगा ।
उन्होंने 2 अप्रैल 2018 सामाजिक आंदोलन के सभी मुकदमों को वापस लेने की मांग की।

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