होम्योपैथिक चिकित्सा के संस्थापक डॉक्टर सैमुअल हैनीमैन का जन्मदिन मनाया, चिंता का विषय एंटीबायोटिक प्रतिरोध होना-डॉक्टर वेदांत वर्मा

हापुड़।

विश्व होम्योपैथिक दिवस के अवसर पर आज होम्योपैथिक चिकित्सा के संस्थापक डॉक्टर सैमुअल हैनीमैन का जन्मदिन मनाया गया।

हापुड़ के स्वर्ग आश्रम रोड स्थित मोदी अस्पताल के प्रमुख होम्योपैथिक चिकित्सक डॉक्टर वेदांत वर्मा ने बताया कि आज सबसे बड़ी चिंता का विषय एंटीबायोटिक प्रतिरोध होना है। एंटीबायोटिक दवाएं, वे दवाएं हैं जो कि बैक्टीरिया, वायरस आदि सूक्ष्म जीव संक्रमण को रोकने और इलाज के लिए उपयोग में लाई जाती है।

एंटीबायोटिक प्रतिरोध तब होता है, जब इन दवाओं के उपयोग के जवाब में बैक्टीरिया या वायरस उत्परिवर्तित होकर अपना स्वरूप बदल लेता है। ऐसा प्रायः तब होता है जब बिना आवश्यकता के भी एंटीबायोटिक्स का सेवन किया जाता है। इस बीमारी को एंटीबायोटिक प्रतिरोध संक्रमण कहा गया है।

दूसरी तरफ, होम्योपैथी, बिना एंटीबायोटिक्स के, बैक्टीरिया और विषाणु जनित संक्रमण का उपचार सुरक्षित तरीके से करती है। बडी संख्या में मरीज अब होम्योपैथिक उपचार को भी प्राथमिकता दे रहे हैं, और यह चिकित्सा पद्धति, डबल्यू एच ओ के अनुसार, विश्व में दूसरे स्थान पर उपचार विकल्प के रूप में सामने आई है।

एंटीबायोटिक्स के साइड इफेक्ट्स –

  1. रुधिर प्रतिक्रिया
  2. एंटीबायोटिक प्रतिरोध
  3. एलर्जी
  4. पेट से जुड़ी परेशानी होना
  5. गुर्दों पर प्रभाव पड़ना
Exit mobile version