हापुड़ कचहरी के बाहर गोली काण्ड का मुख्य आरोपी दबिश के दौरान पकड़ा गया
हापुड़। गौतमबुद्धनगर के नंगला नैनसुख निवासी मनोज भाटी पिछले करीब एक दशक से जायराम की दुनिया में सक्रिय था। उस पर प्रदेश के विभिन्न जनपदों में हत्या, लूट, रंगदारी समेत अनेक संगीन धाराओं में 35 से अधिक मुकदमे दर्ज हैं। पुलिस ने बताया कि वह रणदीप भाटी, सुंदर भाटी गैंग के लिए भी अपराध करता था। करीब तीन साल पहले मनोज भाटी और एसटीएफ (यूपी) के बीच ग्रेटर नोएडा में मुठभेड़ हो गई थी। उसने एक कांस्टेबिल को गोली मारी थी।
करीब दो साल तक जेल में रहने के बाद वह जमानत मिलने पर रिहा हो गया था। जेल से छूटने के बाद उसने हापुड़ में कचहरी के बाहर हरियाणा के हिस्ट्रीशीटर लखन की दिनदहाड़े गोली से भूनकर हत्या कर दी थी। तभी से वह पुलिस की हिट लिस्ट में था। लखनऊ मुख्यालय पर बैठे पुलिस के आला अफसर भी यहां कचहरी हत्याकांड को लेकर समय समय पर जानकारी लेकर आवश्यक दिशा निर्देश देते रहे। हाल ही में एडीजी की ओर से उस पर एक लाख रुपये का इनाम घोषित किया गया था।
हापुड़ कचहरी कांड में अभी तक पुलिस 16 लोगों के खिलाफ कार्रवाई कर चुकी है जबकि एक बदमाश अभी भी फरार है। पुलिस के लिए लखन की हत्या में मुख्य रूप से शामिल तीन शॉर्प शूटर मनोज भाटी, हरियाणा के भैंसावाली निवासी अंकित और नंगला के ही शुभम को पुलिस मुख्य रूप से तलाश कर रही थी। तीनों ही बदमाश पुलिस की गिरफ्त से दूर चल रहे थे।
पुलिस सूत्रों की माने तो इन बदमाशों को पकड़ने के लिए पुलिस की टीमें लगातार प्रयास में थी। पिछले साढ़े पांच माह में पुलिस ने करीब 250 नंबर सर्विलांस पर लगाए और 60 से अधिक स्थानों पर दबिश दी। लेकिन अपने शातिरपने के कारण ये बदमाश पुलिस की गिरफ्त से दूर चल रहे थे। जब भी पुलिस इनके करीब पहुंचती तो आरोपी फरार होने में कामयाब हो जाते। कचहरी हत्या के लंबे समय बाद भी मुख्य आरोपियों की गिरफ्तारी न होना पुलिस की किरकिरी का कारण बना था।
परिवार के सदस्यों से होती थी नेट से बात
शातिर अपराधी फोन कॉल से पूरी तरह दूरी बनाए थे। पुलिस ने 250 से अधिक नंबर सर्विलांस पर लगाए थे। लेकिन, बदमाशों की लोकेशन हाथ नहीं लग रही थी। पुलिस के अनुसार आरोपियों ने अपने परिवार के सदस्यों को इंटरनेट की डांगल दे रखी थी और इंटरनेट के माध्यम से ही कभी कभी उनकी बात परिवार के लोगों से होती थी। इसी बीच पुलिस को एक कार की लोकेशन मिली, जिसमें सामान रखकर आरोपी मकान शिफ्ट करने के लिए ले गए थे।
हर पंद्रह दिन में छोड़ देते थे मकान, एक रात में देनी पड़ी पांच जगह दबिश
आरोपी इतने शातिर थे कि आरोपी पंद्रह दिन में मकान किराये पर लेकर छोड़ देते थे। किराये पर मकान लेने के लिए बदमाश पहले एक व्यक्ति संपर्क करते उसके बाद वह जिस व्यक्ति से मिलवाता उसे लेकर किसी और मकान दिखाने की बात करते, इसके बाद उसके अगले व्यक्ति के यहां जाकर ही मकान किराये पर लेते थे। घटना के बाद से आरोपियों ने दिल्ली, हरियाणा और राजस्थान में अपने कई ठिकाने बदले। शनिवार की रात भी हापुड़ पुलिस को उनकी गिरफ्तारी के लिए पांच स्थानों पर दबिश देनी पड़ी। इसके बाद पुलिस को सफलता हासिल हुई।
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