सरस्वती बाल मंदिर में श्रीमद् भागवत जी की तृतीय दिवस की कथा का आयोजन,जब हम शास्त्रों व गुरुजनों की वाणी का अनुसरण करते हैं तो हमारे अंदर सुकर्म उत्पन्न होते हैं – डा शैल बिहारी

सरस्वती बाल मंदिर में श्रीमद् भागवत जी की तृतीय दिवस की कथा का आयोजन,जब हम शास्त्रों व गुरुजनों की वाणी का अनुसरण करते हैं तो हमारे अंदर सुकर्म उत्पन्न होते हैं – डा शैल बिहारी
, हापुड़।
सरस्वती बाल मंदिर में श्रीमद् भागवत कथा की तृतीय दिवस की कथा का आयोजन हुआ। श्रीमद् भागवत कथा के तृतीय दिवस की कथा का शुभारंभ श्रीमद् भागवत आरती तथा श्री राधा रानी व राधा रमन बांके बिहारी की वंदना से हुआ।
व्यास पीठ पर विराजमान प्रसिद्ध कथा वाचक डॉ. शैल बिहारी दास जी महाराज ने ब्राह्मण आत्मदेव व उनके पुत्र गोकर्ण व धुंधकारी की कथा का वर्णन किया। गोकर्ण बहुत बड़े विद्वान और बुद्धिमान थे लेकिन धुंधकारी बहुत दुष्ट व दुराचारी था। धुंधकारी के दुष्ट कर्मों के कारण, उसकी मृत्यु के बाद वह प्रेत योनि में चला गया। धुंधकारी ने अपने भाई गोकर्ण से प्रेत योनि से छुटकारा पाने के लिए प्रार्थना की। गोकर्ण ने धुंधकारी को श्रीमद् भागवत कथा सुनाई, जिससे धुंधकारी प्रेत योनि से मुक्त हुआ।
उन्होंने बताया कि जब हम शास्त्रों व गुरुजनों की वाणी का अनुसरण करते हैं तो हमारे अंदर सुकर्म उत्पन्न होते हैं, जिससे हमें देवता व अपने पूर्वजों का आशीर्वाद प्राप्त होता है। शास्त्र व गुरुजनों की वाणी हमें सन्मार्ग पर ले जाती है। हमें कभी भी दूसरों के अंदर गुण व दोष को नहीं देखना चाहिए। यदि गुण देखोगे तो उसमें आसक्त हो जाओगे और यदि दोष देखोगे तो उसकी चर्चा करोगे और चर्चा से चिंतन होता है इसलिए चर्चा हमेशा भगवान की करो। भगवान को याद करोगे वे उसी रूप में दर्शन देंगे जिस रूप में आप उन्हें देखते हो।
कार्यक्रम में शिशु एवं बाल कल्याण समिति के मंत्री अनिल कुमार अग्रवाल, विजेंद्र माहेश्वरी (संरक्षक), स्वाति गर्ग, पूनम अग्रवाल, कविता अग्रवाल, पदमचंद गर्ग, सचिन एस. एम., अशोक बबली, हर्षवर्धन अग्रवाल, लवी अग्रवाल आदि मौजूद थे।