विशेष धार्मिक आयोजन में स्वामी विवेकानंद परिव्राजक जी ने किया दर्शनशास्त्र का गूढ़ विवेचन

विशेष धार्मिक आयोजन में स्वामी विवेकानंद परिव्राजक जी ने किया दर्शनशास्त्र का गूढ़ विवेचन
हापुड़ — आर्य समाज मंदिर, हापुड़ के पावन प्रांगण में शुक्रवार को एक विशेष धार्मिक कार्यक्रम का आयोजन अत्यंत श्रद्धा एवं उत्साह के साथ संपन्न हुआ। इस अवसर पर स्वामी विवेकानंद परिव्राजक जी (निदेशक, दर्शन योग महाविद्यालय, रोजड़, गुजरात) ने अपने ओजस्वी प्रवचनों के माध्यम से श्रोताओं को तत्वज्ञान से परिचित कराया।
कार्यक्रम का शुभारंभ वैदिक विधि से यज्ञ द्वारा किया गया। इसके पश्चात स्वामी विवेकानंद जी ने दर्शनशास्त्र की प्रमुख अवधारणाओं जैसे त्रेतावाद, तत्वज्ञान तथा त्रिगुणात्मक प्रकृति पर गूढ़ एवं सारगर्भित व्याख्यान प्रस्तुत किया। उन्होंने समझाया कि किस प्रकार ईश्वर न्यायकारी है, जीवात्मा कर्म करने में स्वतंत्र है, तथा प्रकृति के सुखात्मक भ्रम में जीवात्मा भटकती रहती है। उन्होंने बलपूर्वक कहा कि यदि जीव तत्वज्ञान प्राप्त कर ले, तो वह अपने सभी बुरे कर्मों और दुखों से मुक्त हो सकता है।
कार्यक्रम के दौरान शंका समाधान सत्र का भी आयोजन किया गया जिसमें धर्मप्रेमियों ने अपने आध्यात्मिक प्रश्नों के समाधान प्राप्त किए।
इस विशेष अवसर पर आर्य समाज, हापुड़ के प्रधान पवन आर्य, मंत्री संदीप आर्य, कोषाध्यक्ष अमित शर्मा सहित अनेक पदाधिकारी एवं गणमान्यजन उपस्थित रहे।
पिलखुवा से अशोक आर्य, सुभाष चंद्र मित्तल, आर्य, हापुड़ से विजेंद्र गर्ग, राकेश अग्रवाल, संजय शर्मा, सुरेंद्र गुप्ता, सुरेश सिंघल, नरेंद्र आर्य, श्रीमती निधि आर्या, श्रीमती पुष्पा आर्या, श्रीमती रेखा गोयल, डॉ. पुष्पा वत्स, श्रीमती राज प्रभा आर्या, श्रीमती सुषमा आर्या, श्रीमती बीना आर्या, श्रीमती अलका सिंघल, श्रीमती शालिनी आर्या तथा अन्य अनेक श्रद्धालु महिला-पुरुष बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।
यह कार्यक्रम धर्म, ज्ञान और आत्मकल्याण की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास सिद्ध हुआ और इसमें भाग लेने वाले सभी श्रद्धालु आत्मिक संतोष एवं बौद्धिक जागृति से अभिभूत हुए।