विभिन्न मांगों को लेकर बिजली कर्मचारियों ने किया धरना-प्रदर्शन
हापुड़। हापुड़ में बिजली कर्मचारियों ने धरना-प्रदर्शन किया। 3 दिसम्बर 2022 को विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, उप्र एवं ऊर्जा मंत्री, उप्र सरकार के साथ हुए लिखित समझौते का क्रियान्वयन सुनिश्चित करने की मांग की। मांग पूरी न होने तक धरना प्रदर्शन करने की बात कही।
अवर अभियंता सुधीर कुमार ने बताया कि प्रमुख मांग ओबरा और अनपरा में 800-800 मेगावाट क्षमता की दो-दो इकाईयों के निर्माण, परिचालन अनुरक्षण का कार्य एनटीपीसी या किसी अन्य कम्पनी को देने के बजाय उप्र राज्य विद्युत उत्पादन निगम को दिया जाए। 200 केवी और उच्च विभव के यूपी में बनने वाले सभी विद्युत उपकेन्द्रों एवं लाईनों के निर्माण, परिचालन एवं अनुरक्षण का कार्य उप्र पावर ट्रांसमिशन कारपोरेशन लि. को दिया जाये।
वहीं साल 2000 के बाद नियुक्त हुए सभी बिजली कर्मियों के लिए पुरानी पेंशन व्यवस्था लागू की जाए। सभी ऊर्जा निगमों का एकीकरण कर यूपीएसईबी लिमिटेड का गठन किया जाए। बिजली कर्मियों को मिल रही रियायती बिजली की सुविधा यथावत जारी रखा जाए। वर्तमान व्यवस्था में कोई छेड़छाड़ न की जाए। नियमित पदों पर नियमित भर्ती की जाए और निविदा / संविदा कर्मचारियों को तेलंगाना, राजस्थान आदि प्रान्तों की तरह नियमित किया जाए।
नियमित होने तक 03 दिसम्बर के समझौते के अनुसार विभिन्न ऊर्जा निगमों में कार्यरत निविदा / संविदा कर्मचारियों को समान पद पर समान मानदेय दिया जाए, जबकि शक्तिभवन मुख्यालय में बिजली कर्मियों, निविदा / संविदा कर्मचारियों को अनावश्यक रूप से परेशान करने के लिए करोड़ों रूपए का अपव्यय कर लगाए जा रहे फेस रिकगनाइजेशन सिस्टम को तत्काल हटाया जाये।
आग / भूकम्प जैसी किसी आपदा में यह प्रणाली भारी अवरोधक भी साबित होगी। उल्लेखनीय है कि बिजली कर्मियों की उपस्थिति हेतु बायोमेट्रिक्स प्रणाली पहले से ही लागू है। जवाहरपुर तापीय परियोजना में आवासीय परिसर सीमेंट फैक्ट्री से दूर जी.टी. रोड के निकट बनाया जाए। इस दौरान ईश्वर प्रसाद संयोजक संयुक्त संघर्ष समिति, प्रभव हरित, सुधीर कुमार, बीआर त्यागी, उदित जायसवाल, मनोज कुमार, मनीष कुमार, कपिल कुमार, अफरोज खान, दीपचंद समेत अन्य कार्यकर्ता मौजूद रहे
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