वह समाज मर जाता है जिसकी कविता डरती है प्रो.वागीश दिनकर

हापुड़।
अंतरराष्ट्रीय साहित्यिक संस्था हिंदी साहित्य भारती जनपद हापुड़ के तत्वाधान में स्वर्ग आश्रम रोड स्थित टैगोर पब्लिक इंटर कॉलेज में वृहद काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया ।जिसकी अध्यक्षता प्रदेश अध्यक्ष प्रोफ़ेसर वागीश दिनकर ने संचालन जिलाध्यक्ष दिनेश त्यागी तथा आयोजन वरिष्ठ कवि गंगाशरण शर्मा ने किया। मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया।प्रदेश अध्यक्ष प्रो.वागीश दिनकर ने सरस्वती वंदना पढ़ी।उन्होंने पढ़ायुग की सुप्त शिराओं में कविता शोणित भरती है।वह समाज मर जाता है जिसकी कविता डरती है।। कवि राज चैतन्य ने पढ़ाफैल रही है नफरत की बदबू इधर उधर।आओ लुटाएं प्यार की खुशबू इधर उधर।।
जिलाध्यक्ष कवि दिनेश त्यागी ने पढ़ाजीवन पथ पर चलते चलते ज्ञात हमें हो जाता है।जब तक समझें हम जीवन को जीवन तो खो जाता है।। वरिष्ठ कवि राम आसरे गोयल ने पढ़ा_सब रस्ते जीवन के पगड़ोर नही होते।
वरिष्ठ कवि श्री रामवीर आकाश ने पढ़ारे मन काहे का धीर धरे तू, काहे मचाए शोर। वरिष्ठ कवि अशोक गोयल ने पढ़ाटपकती बूंद सावन की जिया में आग लग जाए।
वरिष्ठ कवि विजय वत्स ने पढ़ा यह कैसी हवा चली है यह कैसी हवा चली है।सच्चा आज है निर्बल सा,झूठा महाबली है। वरिष्ठ कवि अवनीत समर्थ ने पढ़ारस्ते में क्यों रुकेंगे चल पड़े तो चल पड़े।फूल कांटे सब मिलेंगे चल पड़े तो चल पड़े।।
वरिष्ठ कवयित्री बीना गोयल ने पढ़ा खिलते हैं दिलों में फूल सनम सावन के सुहाने मौसम में ।होती है सभी से भूल सनम सावन के सुहाने मौसम में।। कवि ओमपाल सिंह विकट ने पढ़ामर्दों के पैरों की वो गर्द नही हो सकता है।जो नारी को नग्न घुमाएं मर्द नहीं हो सकता है।।
कवि धर्मेंद्र काव्य ने पढ़ाआत्म विश्वास इतना था शिराओं में,शत्रुओं के पैर कभी टिक नही पाए थे। कवि आशीष भारद्वाज ने पढ़ा ढले अंखियों ही अंखियों में रैना।
कवि कपिल वीर सिंह ने पढ़ा_ हौंसला हद सुधार प्यार सब कुछ है
कवि सौरभ राणा ने पढ़ाजहां की हर खुशी होते हुए मां बाप खुश न हों। योगी मोनू राणा ने पढ़ाकारगिल के अमर वीरों ने परचम अपना लहराया।
कवि पंडित लोकेश शर्मा विचित्र ने पढ़ा_चीख मारकर रोने लगे गर,सब्जी कटते वक्त चाकू में।
इस अवसर पर बॉबी शर्मा,समन्वय त्यागी,माणिक शर्मा,शिवांश,विकास,हर्ष, कृष्णा,मोहित आदि ने उपस्थित होकर काव्य गोष्ठी का का लुत्फ उठाया।

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