राष्ट्रीय कवियों ने जनसंख्या वृद्धि पर बहुत चिंता जताई,जनसंख्या नियंत्रण पर सख्त से सख्त कानून बनें
हापुड़(अमित अग्रवाल)। विश्व जनसङ्ख्या-दिवस के उपलक्ष्य में ‘कलम से कलम राष्ट्रीय मञ्च’ के अध्यक्ष सुनील सुथार द्वारा ऑनलाइन राष्ट्रीय कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया ।
इस राष्ट्रीय कवि सम्मेलन में मुख्य अतिथि गुजरात के वरिष्ठ साहित्यकार, कवि,लेखक एवं दार्शनिक डॉ. चन्द्रपालसिंह यादव , विशिष्ट अतिथि के रूप में वरिष्ठ कवि लेखक व अंतरराष्ट्रीय साहित्य कारो में अग्रणी मानेजाने वाले राष्ट्रीय कवि संगम पश्चिम उत्तर प्रदेश प्रांत के मुख्य संयोजक वरिष्ठ कवि अशोक गोयल , अतिथि के रूप में बिहार की कवयित्री मीना परिहार , गुजरात के डॉ. गुलाबचन्द पटेल , सुनील दत्त मिश्रा , आदरणीय मलकप्पा अलियास , डॉ. भावना एन सावलिया , दिनेश परमार आदि विद्वन्जनों की गरिमामय उपस्थिति रही। मञ्च के अध्यक्ष सुनील सुथार ने सभी मेहमानों का शाब्दिक स्वागत किया और परिचय भी दिया। मञ्च की सामान्य जानकारी शैलेश वाणिया ने दी। “जनसङ्ख्या- वृद्धि एक सामाजिक समस्या” पर सबने अपने-अपने विचार प्रस्तुत किए।
विशिष्ट एवम वरिष्ठ कवि अशोक गोयल ने अपने उद्बोदन में कहा कि जनसंख्या वृद्धि पर नियंत्रण के लिए सरकार को अविलंब सख्त से सख्त कानून बनाना चाहिए ।कवि अशोक गोयल ने आगे कहा इस जागरूकता अभियान में सब साथ दो, जनसंख्या नियंत्रण में सब का फायदा है ।जाति पाती और धर्म से ऊपर उठो सभ्य समाज का यही कायदा है। बढ़ती आबादी पर लगाम नहीं लगाओगे तो बाद में बड़ा ही पछताओगे ।जब बात बिगड़ जाएगी तब कुछ नहीं कर पाओगे। अंधविश्वास में जनसंख्या को बढ़ाया है धर्म के नाम पर भी लोगों को भरमाया है ,हमारी अशिक्षा ने हमें खूब फंसाया है। सोचो जरा जनसंख्या बढ़ाकर हमने क्या पाया है।भारत के विभिन्न राज्यों – गुजरात, बिहार, ओरिस्सा, दिल्ली, असम, कर्णाटक, राजस्थान, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु आदि के कवि- मित्रों ने उत्कृष्ट कविताएँ प्रस्तुत करके मञ्च की शोभा बढ़ाई। समग्र मञ्च का सुन्दर सञ्चालन आदरणीया कविता जी भटासणा जी ने किया था, आदरणीय धर्मेंश जोशी जी ने आभार-ज्ञापन किया और अन्त में राष्ट्र-गीत गाकर कार्यक्रम का समापन किया गया।
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