मेरठ हापुड़ लोकसभा सीट: चाय व पान की दुकानों पर सजने लगी हार जीत की महफिल.., भाजपा व गठबंधन मैं टक्कर मान रहे हैं मतदाता
-प्रत्याशियों का भाग्य ईवीएम में कैद,अब 4 जून का बेसब्री से इंतजार
हापुड़।
लोकसभा चुनाव 2024 के द्वितीय चरण का चुनाव शांतिपूर्ण संपन्न होने के बाद प्रत्याशियों का भाग्य ईवीएम में कैद होने के बाद कड़ी सुरक्षा व्यवस्था में स्ट्रांग रूम में रखा गया है। अब प्रत्याशियों कार्यकर्ताओं व समर्थकों का आगामी 4 जून का बेसब्री से इंतजार है। मेरठ हापुड़ लोकसभा सभा सीट पर हार जीत के लिए रोजाना चाय व पान की दुकानों पर महफिल सजने लगी है। मुस्लिम व दलित बाहुल्य क्षेत्रों में मतदान अधिक होने से गठबंधन प्रत्याशी की स्थिति मजबूत आंकी जा रही है। लेकिन मेरठ केन्ट विधान सभा क्षेत्र में वोटरों द्वारा भाजपा प्रत्याशी पक्ष में मतदान अधिक करने से उनकी स्थिति भी काफी मजबूत मानी जा रही है।
18वीं लोकसभा के गठन के लिए मेरठ हापुड़ लोकसभा सीट पर पांचों विधान सभा क्षेत्र में शांतिपूर्ण ढंग से चुनाव संपन्न होने के बाद प्रत्याशियों का भाग्य ईवीएम में कैद होने के बाद नवीन मंडी स्थित स्ट्रांग रूम में रखा गया है। जहां 24 घंटे सुरक्षा बल द्वारा सख्त पहरा दिया जा रहा है। एसपी व डीएम द्वारा भी स्ट्रांग रूम का निरीक्षण किया गया है।
मेरठ हापुड़ लोकसभा क्षेत्र की किठौर विधान सभा क्षेत्र में 61.88 प्रतिशत,मेरठ केन्ट विधान सभा क्षेत्र में 55.75 प्रतिशत,मेरठ शहर विधान सभा क्षेत्र में 61.35 प्रतिशत,मेरठ दक्षिण विधान सभा क्षेत्र में 57.44 प्रतिशत व हापुड़ विधान सभा क्षेत्र में 59.71 प्रतिशत मतदान हुआ। मेरठ हापुड़ लोकसभा क्षेत्र मेंकुल 58.94 प्रतिशम मतदान हुआ है। लोकसभा क्षेत्र में कुल 2000530 में से 1179121 मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। जबकि 821409 वोटर अपना सांसद चुनने के लिए अपने-अपने घरों से ही नहीं निकले।
लोकसभा चुनाव में मुस्लिम व दलित बाहुल्य क्षेत्रों में गठबंधन प्रत्याशी के पक्ष में मतदान होने से उनकी स्थिति मजबूत मानी जा रही है। जबकि हिन्दु बाहुल्य मेरठ केन्ट विधान सभा क्षेत्र में भाजपा प्रत्याशी के पक्ष में मतदान होने से उनकी स्थिति भाजपाईयों द्वारा काफी मजबूत मानते हुए विजयश्री का दावा भी कर रहे है। वहीं बसपा कार्यकर्ता भी अपने प्रत्याशी की स्थिति मजबूत होने का दावा करते नजर आ रहे है।
लोकसभा चुनाव शांतिपूर्ण संपन्न होने के बाद से प्रतिदिन चाय व पान की दुकानों पर हार जीत की महफिल सज रही है। प्रत्याशियों के समर्थक व कार्यकर्ता लोगों को चुनावी गणित व जातीय समीकरण से अपने-अपने प्रत्याशी की जीत का दावा कर रहे है। प्रत्याशी भी अपनी जीत की बात सुनकर काफी खुश नजर आ रहे है। अब जीत का सेहरा किसके सिर बंधेगा अभी कहना जल्दबाजी होगा,इसके लिए सभी को आगामी 4 जून तक इंतजार करना पड़ेगा।