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बुजुर्गों ने कोरोना के टीकाकरण से बनाई दूरी

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जिले में 60 साल की उम्र का पड़ाव पूरा कर चुके बुजुर्गों में कोरोना से जान जाने का सबसे अधिक खतरा है। लेकिन इसके बाद भी वह कोरोना वैक्सीन लगवाने में दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं। शासन के आदेश पर हेल्थ और फ्रंटलाइन वर्करों की वैक्सीनेशन के बाद तीसरे चरण में शामिल किया गया है। दस दिन में महज 2354 ने ही टीके लगवाए हैं, जबकि लक्ष्य 1.15 लाख का है। इस मामले में अब स्वास्थ्य विभाग ने काउंसलिंग कराने का निर्णय लिया है। आंगनबाड़ी और आशाएं घर-घर जाकर बुजुर्ग व बीमारों को जागरूक करेंगे।

जिले में कोरोना का पहला मामला दो अप्रैल को सामने आया था। इसके बाद से तेजी से मरीजों की संख्या बढ़ी, अब तक करीब 4700 मरीज कोरोना की चपेट में आ चुके हैं। 65 लोगों ने कोरोना के चलते जान भी गंवाई है। बड़ी बात यह है कि इन मरने वालों में 80 फीसदी से अधिक 60 साल से अधिक उम्र के लोग ही रहे हैं।

इन दिनों जिले में कोरोना का टीकाकरण शुरू हो चुका है। पहले चरण में हेल्थ वर्कर, दूसरे चरण में फ्रंटलाइन वर्करों को वैक्सीन लग चुकी है। बुजुर्ग और बीमारों को तीसरे चरण में शामिल किया गया है। एक मार्च से इन लोगों को टीके लगाने शुरू हुए थे। लेकिन टीकाकरण के प्रति इनकी कम उत्सुकता स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन की चिंताएं बढ़ा रहा है।

जिले में अभी तक तीसरे चरण में शामिल महज 2354 बुजुर्ग व बीमार लोगों ने ही खुद को टीके लगवाए हैं। जबकि इस चरण में कुल 1.15 लाख लोग शामिल हैं। बुधवार को कलक्ट्रेट में बैठक के दौरान डीएम अनुज सिंह ने भी इस पर नाराजगी जतायी थी। साथ ही बुजुर्गों से टीका लगवाने की अपील भी की।

टीकाकरण के तीनों चरणों की स्थिति
चरण लक्ष्य टीकाकरण प्रतिशत
प्रथम चरण 7539 5927 78
द्वितीय चरण 4638 3644 78.56
तृतीय चरण 1,15,035 2354 02

मार्च में 28758 को लगनी है वैक्सीन
मार्च महीने में स्वास्थ्य विभाग को 60 साल से अधिक उम्र व 45 से 59 साल के बीमार 28758 लोगों का टीकाकरण करने का लक्ष्य मिला है। इसके सापेक्ष 2145 बुजुर्ग व 209 बीमार लोगों ने खुद को टीके लगवाए हैं।

65 मृतकों में 80 फीसदी से अधिक बुजुर्ग
कोरोना महामारी में जिले के करीब 65 लोग इस बीमारी की चपेट में आकर दम तोड़ चुके हैं। इसमें 80 फीसदी से अधिक 60 साल से अधिक उम्र के लोग ही हैं, फिर भी वह टीकाकरण से दूरी बना रहे हैं।

अधिकारी कहिन
मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. रेखा शर्मा ने बताया कि बुजुर्ग व बीमार लोगों में टीकाकरण की उत्सुकता बढ़ाने के लिए आशा, आंगनबाड़ियों को घर घर भेजा जाएगा। घरों के सदस्य अपने बुजुर्गों को टीका अवश्य लगवा लें, ताकि वह सुरक्षित रह सकें।

जिले में 60 साल की उम्र का पड़ाव पूरा कर चुके बुजुर्गों में कोरोना से जान जाने का सबसे अधिक खतरा है। लेकिन इसके बाद भी वह कोरोना वैक्सीन लगवाने में दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं। शासन के आदेश पर हेल्थ और फ्रंटलाइन वर्करों की वैक्सीनेशन के बाद तीसरे चरण में शामिल किया गया है। दस दिन में महज 2354 ने ही टीके लगवाए हैं, जबकि लक्ष्य 1.15 लाख का है। इस मामले में अब स्वास्थ्य विभाग ने काउंसलिंग कराने का निर्णय लिया है। आंगनबाड़ी और आशाएं घर-घर जाकर बुजुर्ग व बीमारों को जागरूक करेंगे।

जिले में कोरोना का पहला मामला दो अप्रैल को सामने आया था। इसके बाद से तेजी से मरीजों की संख्या बढ़ी, अब तक करीब 4700 मरीज कोरोना की चपेट में आ चुके हैं। 65 लोगों ने कोरोना के चलते जान भी गंवाई है। बड़ी बात यह है कि इन मरने वालों में 80 फीसदी से अधिक 60 साल से अधिक उम्र के लोग ही रहे हैं।

इन दिनों जिले में कोरोना का टीकाकरण शुरू हो चुका है। पहले चरण में हेल्थ वर्कर, दूसरे चरण में फ्रंटलाइन वर्करों को वैक्सीन लग चुकी है। बुजुर्ग और बीमारों को तीसरे चरण में शामिल किया गया है। एक मार्च से इन लोगों को टीके लगाने शुरू हुए थे। लेकिन टीकाकरण के प्रति इनकी कम उत्सुकता स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन की चिंताएं बढ़ा रहा है।

जिले में अभी तक तीसरे चरण में शामिल महज 2354 बुजुर्ग व बीमार लोगों ने ही खुद को टीके लगवाए हैं। जबकि इस चरण में कुल 1.15 लाख लोग शामिल हैं। बुधवार को कलक्ट्रेट में बैठक के दौरान डीएम अनुज सिंह ने भी इस पर नाराजगी जतायी थी। साथ ही बुजुर्गों से टीका लगवाने की अपील भी की।

टीकाकरण के तीनों चरणों की स्थिति

चरण लक्ष्य टीकाकरण प्रतिशत

प्रथम चरण 7539 5927 78

द्वितीय चरण 4638 3644 78.56

तृतीय चरण 1,15,035 2354 02

मार्च में 28758 को लगनी है वैक्सीन

मार्च महीने में स्वास्थ्य विभाग को 60 साल से अधिक उम्र व 45 से 59 साल के बीमार 28758 लोगों का टीकाकरण करने का लक्ष्य मिला है। इसके सापेक्ष 2145 बुजुर्ग व 209 बीमार लोगों ने खुद को टीके लगवाए हैं।

65 मृतकों में 80 फीसदी से अधिक बुजुर्ग

कोरोना महामारी में जिले के करीब 65 लोग इस बीमारी की चपेट में आकर दम तोड़ चुके हैं। इसमें 80 फीसदी से अधिक 60 साल से अधिक उम्र के लोग ही हैं, फिर भी वह टीकाकरण से दूरी बना रहे हैं।

अधिकारी कहिन

मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. रेखा शर्मा ने बताया कि बुजुर्ग व बीमार लोगों में टीकाकरण की उत्सुकता बढ़ाने के लिए आशा, आंगनबाड़ियों को घर घर भेजा जाएगा। घरों के सदस्य अपने बुजुर्गों को टीका अवश्य लगवा लें, ताकि वह सुरक्षित रह सकें।

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