बिना फायर एनओसी के जनपद में कई अस्पतालों में मरीजों की जिंदगी से किया जा रहा है खिलवाड़, दिल्ली घटना के बाद सीएमओ ने दी रजिस्ट्रेशन कैंसिल करने की चेतावनी

हापुड़। जनपद के काफी अस्पतालों में अग्नि सुरक्षा मानक को ताक पर रखकर काम किया जा रहा है। जिससे मरीजों की जीवन दांव पर लगा हुआ है। कहीं भी आग से बचाव के नियमों का पालन नहीं किया जा रहा है। दिल्ली की घटना के बाद सीएमओ ने जनपद में नियमों का पालन ना करने वाले अस्पतालों व क्लीनिकों का रजिस्ट्रेशन रदद् करनें की चेतावनी दी है।

जानकारी के अनुसार जनपद के काफी अस्पतालों में अग्नि सुरक्षा उपायों की स्थिति काफी दयनीय है। जनपद में 250 से भी अधिक
नर्सरी होम व क्लीनिक है, जिनमें मात्र 19 अस्पतालों पर ही फायर की एनओसी है। इसके अलावा
अधिकतर अस्पतालों में आग बुझाने के उपकरण हैं ही नहीं। कुछ जगह सिलेंडर लगे हैं तो वह बेकार और एक्सपायरी डेट के हैं। शहर के कुछ क्षेत्र में गली कूंचों में नर्सिंग होम खोले गए हैं। इनमें से कुछ का तो स्वास्थ्य विभाग के ही पास रजिस्ट्रेशन नहीं है। यहां सैकड़ों मरीज भर्ती रहते हैं पर यहां अग्निकांड के दौरान तबाही से बचाने के कोई साधन नहीं है। कई अस्पताल ऐसे संकरे रास्तों से अंदर जाकर बनाए गए हैं जहां तक दमकल कभी नहीं पहुंच सकती।

दिल्ली की घटना के बाद स्वास्थ्य विभाग भी अलर्ट हो गया है। सीएमओ डॉ.सुनील त्यागी ने बताया कि सभी सरकारी अस्पतालों को पूर्व में ही अग्निशमन उपाय दुरुस्त करने के लिए नोटिस दिया गया था।पुनः अस्पतालों को नोटिस जारी किया जायेगा और सभी अस्पतालों में टीम भेजकर निरीक्षण कराया जाएगा। नियमों का उल्लघंन करने वालों के रजिस्ट्रेशन कैंसिल किए जाएंगे।

चीफ फायर आफिसर मनु शर्मा ने बताया कि नियमानुसार पंद्रह मीटर ऊंचाई या पांच सौ वर्ग मीटर जगह वाले अस्पतालों को विभाग से अनापत्ति प्रमाणपत्र लेना होता है। ऐसे अस्पतालों में वह लोग चेकिंग और संबंधित कार्रवाई कर सकते हैं। की अस्पतालों को नोटिस जारी किया जा चुका है।

Exit mobile version