हापुड़।
जनपद की कोर्ट द्वारा बिजली तार चोरी के नौ मामलों में हापुड़ निवासी एक युवक को 18 साल की सजा के बाद जेल में बंद युवक को सुप्रीम कोर्ट के रिहाई के आदेश बाद रविवार को डासना जेल से रिहा किया गया,तो परिजनों की खुशी का ठिकाना ना रहा । उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का आभार जताया।
जानकारी के अनुसार हापुड़ के रामपुर रोड़ निवासी इकराम पर बिजली लाईन चोरी के हापुड़ जनपद के विभिन्न थानों में नौ मुकदमें दर्ज हैं।
पुलिस ने इकराम 2019 में गौतमबुद्धनगर के दादरी से हापुड़ आते समय गिरफ्तारी के बाद से जेल भेज दिया था।
इकराम 2020 में हापुड़ न्यायालय द्वारा दिये गए आदेश में विद्युत अधिनियम की धारा 136 के उल्लंघन के लिए दोषी ठहराया गया था ।ट्रायल के बाद कोर्ट ने नौ एफआईआर के लिए अलग-अलग मुकदमों पर ट्रायल चलाया था ।
कोर्ट ने दोषी युवक को एक ही दिन में
कुल 9 मुकदमों में 18 साल की जेल की सजा सज़ा सुनाई गई थी । इसके बाद पीड़ित ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दायर की। इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने भी अपीलकर्ता की 18 साल की सजा को सही मानते हुए कहा कि सज़ा समवर्ती रूप से चलनी चाहिए ।
इलाहाबाद उच्च न्यायालय के आदेश के बाद इकराम के परिजनों ने दिल्ली स्थित सुप्रीम कोर्ट में अपील करी जिसके बाद मामले में भारत के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली पीठ ने आदेश देते हुए स्पष्ट कहा कि अपीलकर्ता को नौ सत्रों के मुकदमों में लगाई गई सजा साथ-साथ चलेगी ।
सुप्रीम कोर्ट ने इकराम के पक्ष में फैसला सुनाया है, जिसे बिजली चोरी के आरोप में कैद किया गया था और लगातार 18 वर्ष की सज़ा सुनाई गई थी । हाई कोर्ट के फैसले को दरकिनार करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को बिजली चोरी के नौ अलग-अलग मामलों में 18 साल की सजा पाए हापुड़ निवासी इकराम को रिहा करने का आदेश दिया है ।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद रविवार दोपहर को इकराम को डासना जेल से रिहा किया गया।जिससे परिजनों व मोहल्लेवासियों ने खुशी जताई।