fbpx
ATMS College of Education Menmoms Global Inc
News

बच्चों के उद्धार व उनकी घर वापसी के लिए सरकार ने लांच किया पोर्टल “गो होम एंड री-यूनाइट”-अभिषेक त्यागी

हापुड़।
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत सरकार देखभाल और सुरक्षा की आवश्यकता वाले हर बच्चे तक पहुंचने के लिए प्रतिबद्ध है। इसे अगे बढ़ाते हुए राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) ने विश्व बाल दिवस के अवसर पर बच्च के उद्धार और उनकी घर वापसी के लिए पोर्टल घर (जीएचएआर-घर जाइए और फिर से जुड़िए (गो होम एंड री-यूनाइट) के उद्घाटन के साथ-साथ ‘बाल कल्याण समिति के अध्यक्षों और सदस्यों के लिए प्रशिक्षण मॉड्यूल’ तथा ‘बच्चों के उद्धार और उनकी घर वापसी के लिए प्रोटोकॉल प्रारम्भ किया।

एनसीपीसीआर द्वारा विकसित ये मॉड्यूल, प्रोटोकॉल और पोर्टल देखभाल तथा सुरक्षा की आवश्यकता वाले बच्चों के मामलों में बाल कल्याण समितियों (सीडब्ल्यूसी) और जिला बाल संरक्षणअधिकारियों (डीसीपीओज) की संशोधित भूमिकाओं के लिए काम करते हैं। उत्तर प्रदेश राज्य के 75 जनपदों के बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष व संरक्षण अधिकारी उपस्थित रहे।

इस अवसर पर राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष डा देवेंद्र शार्मा, बाल कल्याण समिति हापुड के अध्यक्ष अभिषेक त्यागी , बाल कल्याण समिति रायबरेली के अध्यक्ष ओजस्कर पाण्डेय, लखनऊ के अध्यक्ष रविंद्र सिंह जादौन, वाराणसी के अध्यक्ष स्नेहा उपाध्याय भी उपस्थित रहे।

इस अवसर पर राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष प्रियांक कानूनगो ने मंच से बताया कि नए संशोधन इस बात को ध्यान में रखते हुए किए गए हैं कि देखभाल और संरक्षण की आवश्यकता वाले बच्चे का उद्धार का कार्य कानून का उल्लंघन करने वाले बच्चे से अलग होगा। यह देखा गया कि ऐसे कई बच्चे थे जिन्हें (जेजेबी) और बाल कल्याण समिति के सामने लाया गया था, जो प्रथम दृष्टया किसी अन्य स्थान से संबंधित दिखाई दे रहे थे, लेकिन उनके मूल स्थान का पता लगाने में असमर्थ होने के कारण अधिकारियों के लिए ऐसे बच्चों को प्रत्यावर्तित करना मुश्किल हो रहा था। अपने मूल स्थान पर बच्चों के प्रत्यावर्तन में चुनौतियों को मुख्य रूप से अधिकारियों के बीच गैर-अभिसरण (नॉन – कन्वर्जेन्स) और प्रणाली के भीतर अधिकारियों के बीच सूचनाओं के आदान-प्रदान की कमी के रूप में देखा गया।

बाल कल्याण समिति हापुड के अध्यक्ष अभिषेक त्यागी ने बताया कि बाल कल्याण समितियों के अध्यक्षों और सदस्यों के लिए प्रशिक्षण मॉड्यूल इस कार्यक्रम में जारी किया जाने वाला एक ऐसा दस्तावेज है, जिसे व्यापक रूप से सीडब्ल्यूसी की भूमिकाओं और जिम्मेदारियों को एक स्थान पर लाने के उद्देश्य से तैयार किया गया है। यह मॉड्यूल सीडब्ल्यूसी के प्रशिक्षण के लिए 15 दिन का कार्यक्रम है।

JMS World School Radhey Krishna Caters
Show More

Leave a Reply

Back to top button

You cannot copy content of this page