फर्जी मुकदमा दर्ज करवानें पर लगा 50 हजार का अर्थदंड
हापुड़। अपर जिला जज/विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट कोर्ट ने मिथ्या परिवार दर्ज कराने के अपराध में वादी पक्ष को पचास हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया है। वहीं मामले के दोनों आरोपियों को दोषमुक्त कर बरी कर दिया है।
विशेष लोक अभियोजक हरेन्द्र त्यागी ने बताया कि एक व्यक्ति ने थाना ककोड़ जिला बुलंदशहर में तहरीर दी। जिसमें बताया कि उसका एक मेडिकल स्टोर है। उसके पास ही रिजवान व उसके भाई हिफर्जुरहमान का भी मेडिकल स्टोर है। रंजिश के कारण आरोपियों ने अपने अन्य साथियों के साथ मिलकर उसकी नाबालिग पुत्री का अपहरण कर लिया। पुलिस ने तहरीर के आधार पर मामले की पॉक्सो सहित विभिन्न धाराओं में रिपोर्ट दर्ज कर ली।
उक्त मामले को हाईकोर्ट इलाहाबाद के आदेश पर जनपद बुलंदशहर से हापुड़ न्यायालय के लिए स्थानांतरित कर दिया गया था। जिसके चलते मामले की सुनवाई अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश/विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट कोर्ट में चल रही थी। दोनों पक्षों को सुनने के बाद न्यायाधीश श्वेता दीक्षित ने मामले में मंगलवार को निर्णय सुनाया। जिसमें दोनों आरोपी को दोषमुक्त करार दिया। साथ ही न्यायाधीश ने मिथ्या परिवार दर्ज कराने पर वादी पक्ष पर पचास हजार रुपये का अर्थदंड लगाया है। न्यायाधीश ने अपने आदेश में कहा है कि अर्थदंड न देने पर वादी पक्ष को छह माह के कारावास की सजा भुगतनी होगी।
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