दुआ बनके तमन्ना मेरी लब पे आती है
सरधना। दुआ बनके तमन्ना मेरी लब पे आती है एक महीने तक रोजे रखने के बाद भी वह दिन आ गया, जिसका लोगों को बेसब्री से इंतजार था। शनिवार की सुबह क्षेत्र की ईदगाहों में हुई ईद की नमाज में अकीदतमंदरों का सलूब उमड़ पड़ा। जिसमें सभी अकीदतमंदरों ने अल्लाह तआला की बारगाह में सजदा करके अपने उदाहरणों से तौबा की। सरधना की ईदगाह में शहर काजी मुफ्ती शाकिर कासमी ने ईद की नमाज अदा की। इस धब्बे पर रोजेदारों की आंखों से आंसू टपकने लगते हैं। वे भाईचारे व प्यार की मिसाल कायम करने का दावा करते हैं।
नगर की शाही ईदगाह में ईद की नमाज अदा करने के बाद एक दूसरे को मुबारकबाद देने की चिल शुरू हुई। जो कि देर रात तक बदस्तुर चलती है। रमजान का महीना पूरा हो गया और एक बार फिर लोग एक दूसरे के गले मिलकर खुशियां मनाने लगे। बड़े हो या बच्चे, हिंदू हो या मुसलमान सभी समूहों में एक दूसरे के लिए प्यार और भाईचारे की मिसाल बन रही थी।
नगर के शाही ईदगाह, जामा मस्जिद, कमरानवाबान, कस्बा हर्रा, खिवाई, पांचली बुजुर्ग, दमी, करनावल, जसड़ सुल्ताननगर, मैनापूठी, नारंगपुर, रोहाटा, पूठ, परामर्शपुर आदि में आपसी भाईचारे व एकता के साथ ईदुल फितरगढ़ का आयोजन किया गया।
नमाज के बाद एडम ई कमर, एसडीएम सरधना पंकज प्रकाश राठौर, एसपी देहत कमलेश बहादुर, तहसीलदार नटवर सिंह, सीओ शिव प्रताप सिंह, शाहरुख बंटी सभासद, हाजी सिराजुद्दीन मलिक, आफताब अंसारी, अमित विजय आदि ने लोगों को गले ईद की मुबारक बाद दी।
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