दलित समाज के स्टूडेंट्स की स्कालरशिप रिजेक्ट करने के विरोध में डीएम से मिले स्टूडेंट्स, सौंपा ज्ञापन

हापुड़ । समाज कल्याण विभाग द्वारा दलित छात्रों की छात्रवृत्ति व शुल्क प्रतिपूर्ति के फॉर्मो को बड़े स्तर पर रिजेक्ट किये जाने के विरोध में विभिन्न संस्थाओं के छात्र -छात्राओं ने जिलाधिकारी को ज्ञापन दिया जिसमें छात्रों को कहना है कि हम सभी गरीब, मजदूर, कमजोर वर्ग के छात्र हैं। हमारी आर्थिक स्थिति बहुत कमजोर है अगर हमें छात्रवृत्ति एवं शुल्क प्रतिपूर्ति नहीं मिलती तो हम सभी अपनी पढ़ाई कैसे पूरी कर पाएंगे।
छात्रों को कहना है कि जिला हापुड़ की लगभग सभी संस्थाओं जैसे B.Ed, BTC, मेडिकल आदि सभी प्रोफेशनल कोर्स में दलित छात्रों के फॉर्म को 98-99% रिजेक्ट कर दिया गया है उत्तर प्रदेश के 75 जिलों में से एक सबसे छोटा जिला हापुड़ है जिसमें समाज कल्याण अधिकारी द्वारा दलित छात्रों के फॉर्मो को इस तरह रिजेक्ट किया जाना यह दर्शाता है कि यह व्यक्ति सरकार की छात्रवृत्ति व शुल्क प्रतिपूर्ति योजनाओं को जो छात्रों को पढ़ लिखकर समाज की मुख्य धारा में लाने के लिए दी जाती है यह अधिकारी अपने इस तानाशाही रवैया के कारण इस योजना को पूरी तरह से बट्टा लगाने का काम कर रहा हैं। उत्तर प्रदेश के 75 जिलों में से सिर्फ एक हापुड़ जिला ही है जिसके छात्रों को स्कालरशिप पाने के काबिल नहीं समझा गया है अन्य सभी 74 जिला समाज के अधिकारीयों के द्वारा फार्मो को फॉरवर्ड किया गया है इनके इस रवैए ने अन्य 74 जिलों के अधिकारी गणों की कार्यशैली पर भी प्रश्न चिन्ह लगा दिया है क्या उनको नियम कानून का पता नहीं है क्या सिर्फ यही अधिकारी सबसे काबिल हैं। इस अधिकारी के इस फैसले से दलित छात्रों में बहुत रोष व्याप्त हो गया है। सभी छात्र जल्द ही इस मुद्दे को लेकर जनप्रतिनिधियों से मिलेंगे और जब तक यह अधिकारी जिले से हट नहीं जाता है तब तक छात्र चैन से नहीं बैठेंगे।