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डॉ कुँअर बेचैन एक महामानव थे-ऋषि कुमार शर्मा, भव्य कवि सम्मेलन का हुआ आयोजन

हापुड़/नयी दिल्ली।

दिव्यांग बाल विद्यालय, सेवा कुटीर, मुखर्जी नगर, दिल्ली में साहित्य प्रेमी मंडल के तत्वावधान में भव्य कवि सम्मेलन का आयोजन हुआ। यह कवि सम्मेलन महाकवि डॉ कुँअर बेचैन जी की स्मृतियों को समर्पित किया गया। कवि सम्मेलन में मुख्य अतिथि के रुप में उपस्थित हिंदी अकादमी के उपसचिव ऋषि कुमार शर्मा ने कहा कि "डॉ कुँअर बेचैन जैसा कवि सदियों में पैदा होता है। वह केवल एक श्रेष्ठ कवि ही नहीं थे बल्कि इस सदी के एक महामानव थे। आज कोई भी कवि और श्रोता ऐसा नहीं है जो डॉ. कुंवर बैचैन की कविताओं को नहीं गुनगुनाता हो "कार्यक्रम की अध्यक्षता सुप्रसिद्ध गज़लकार राज कौशिक जी ने की।

समारोह में सानिध्यकर्ता के रूप में राम अवतार और विशिष्ट अतिथि के रूप में शरद रायजादा, मनीष मित्तल, और आर आर खन्ना की उपस्थिति रही। इस अवसर पर पी के आजाद के संचालन में एक भव्य कवि सम्मेलन का आयोजन भी किया गया। श्रोताओं से खचाखच भरे सभागार में कवि डॉ प्रवीण शुक्ल की कविताओं पर भरपूर ठहाके लगे। राज कौशिक, खुर्शीद हैदर और वंदना कुँवर जी की ग़ज़लों को बहुत मन से सुना गया।

विनय विनम्र और आगरा से पधारे ईशान देव की वीर रस की कविताओं पर तालियों की भरपूर गड़गड़ाहट होती रही। पी के आज़ाद, मनीषा सक्सेना के अतिरिक्त दो दिव्यांग कवियों निखिल श्रीवास्तव और कार्तिक बंसल ने भी अपनी कविताओं का पाठ किया। समारोह में विशिष्ट अतिथि आर आर खन्ना ने कहा की काव्य रस के आनंद का कोई भी दूसरा विकल्प नहीं है। साहित्य प्रेमी मंडल के अध्यक्ष सुबे सिंह पाराशर ने सभी का आभार व्यक्त किया।

कार्यक्रम का संयोजन निर्दोष शर्मा, राजेश कुमार और विनम्र विनम्र के द्वारा किया गया। लगातार चार घंटे तक चले इस समारोह में तालियों की गड़गड़ाहट, ठहाके, उल्लास और आनंद का वातावरण बना रहा। इस अवसर पर पत्रकार और मोटिवेटर, लेखिका कुसुम श्रीवास्तव भी उपस्थित थीं। साहित्य प्रेमी मंडल के इस अनूठे प्रयास और आयोजन के लिए दिव्यांग बाल विद्यालय की ओर से विजेंद्र कुमार ने भी संस्था और उपस्थित कवियों का आभार व्यक्त किया।

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