जमीन अधिग्रहण मामले में किसानों में जागी उम्मीद की किरण
यमुना एक्सप्रेसवे भूमि अधिग्रहण के दौरान आगरा में किसानों पर दर्ज मुकदमें हुए वापस
पिलखुवा। आगरा में यमुना एक्सप्रेसवे की जमीन के अधिग्रहण के दौरान किसानों के खिलाफ दर्ज मुकदमों को सरकार द्वारा वापस लिये जाने से धौलाना के किसानों में उम्मीद जगी है। 17 साल पहले रिलायंस पॉवर प्रोजेक्ट के भूमि भूमि अधिग्रहण का विरोध करने पर धौलाना तहसील क्षेत्र के हजारों किसानों के खिलाफ पिलखुवा, मसूरी, धौलाना और हाफिजपुर थाने में 22 से अधिक मुकदमें दर्ज कराए गए थे। जिन्हें वापस लेने के लिए किसान लंबे समय से मांग कर रहे हैं।
प्रदेश सरकार ने रिलायंस पॉवर प्रोजेक्ट के लिए गत 2004 में तहसील क्षेत्र के धौलाना, देहरा, बझैड़ा खुर्द, जादौपुर, ककराना, बहरमदपुर, नंदलालपुर गांव की करीब 25 सौ एकड़ जमीन का अधिग्रहण किया था। जिसका किसानों द्वारा विरोध किया गया था। इसी विरोध के चलते गत आठ जुलाई 2006 को किसान और पुलिस आमने-सामने आ गई थी। जिसके बाद किसानों के खिलाफ मुकदमें दर्ज कराए गए थे।
गत 2014 में उच्चतम न्यायालय के अधिग्रहण को अवैधानिक करार देते हुए किसानों के नाम फर्द में अंकित करने के आदेश दिए थे। इधर मुकदमा वापस नहीं होने एवं किसानों के कोर्ट नहीं पहुंचने पर पिछले दिनों पुलिस ने न्यायालय के आदेश पर नामजद लोगों के घर कुर्की के नोटिस चस्पा किये थे।
विधायक धर्मेश सिंह तोमर ने बताया कि जमीहों में किसानों के नाम अंकित कराने और दर्ज मुकदमें वापस लेने के लिए पूर्व में मुख्यमंत्री को लिखित में पत्र दिया जा चुका है। मैं अभी लखनऊ में हूँ। जल्द सीएम से मिलकर इस संबंध में वार्ता की जाएगी और किसानों की समस्या का समाधान कराया जाएगा।
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