fbpx
Uttar Pradesh

पंजीकरण निरस्त होने के बाद भी रहेगा सोसाइटी का अस्तित्व: हाईकोर्ट

प्रतीकात्मक तस्वीर
– फोटो : सोशल मीडिया

ख़बर सुनें

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कहा है कि किसी सोसाइटी का पंजीकरण निरस्त होने के बाद भी सोसाइटी अस्तित्व में मानी जाएगी। कोर्ट ने वाराणसी की उदय प्रताप एजूकेशन सोसाइटी के स्थान पर नई सोसाइटी बनाने के राज्य सरकार के 29 जनवरी 21 के आदेश को अधिकार क्षेत्र से बाहर मानते हुए रोक लगा दी है और राज्य सरकार से याचिका पर तीन सप्ताह में जवाब मांगा है।

यह आदेश न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा ने सोसाइटी की तरफ से दाखिल याचिका की सुनवाई करते हुए दिया है। सरकार की ओर से अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल ने यह कहते हुए याचिका की पोषणीयता पर आपत्ति की थी कि आदेश के खिलाफ अपील दाखिल करने का विकल्प याची के पास है और पंजीकरण प्रमाणपत्र निरस्त होने से सोसाइटी अस्तित्व में नहीं है, इसलिए वह याचिका पोषणीय नहीं है।

कोर्ट ने इस तर्क को अस्वीकार कर दिया और जवाब मांगा है। कहा है कि पंजीकरण निरस्त करने के कारण का खुलासा नहीं किया गया है। सोसाइटी पर फ्राड या गलत प्रतिनिधित्व का आरोप नहीं है। पंजीकरण निरस्त होने से सोसाइटी खत्म नहीं हो जाती।

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कहा है कि किसी सोसाइटी का पंजीकरण निरस्त होने के बाद भी सोसाइटी अस्तित्व में मानी जाएगी। कोर्ट ने वाराणसी की उदय प्रताप एजूकेशन सोसाइटी के स्थान पर नई सोसाइटी बनाने के राज्य सरकार के 29 जनवरी 21 के आदेश को अधिकार क्षेत्र से बाहर मानते हुए रोक लगा दी है और राज्य सरकार से याचिका पर तीन सप्ताह में जवाब मांगा है।

यह आदेश न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा ने सोसाइटी की तरफ से दाखिल याचिका की सुनवाई करते हुए दिया है। सरकार की ओर से अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल ने यह कहते हुए याचिका की पोषणीयता पर आपत्ति की थी कि आदेश के खिलाफ अपील दाखिल करने का विकल्प याची के पास है और पंजीकरण प्रमाणपत्र निरस्त होने से सोसाइटी अस्तित्व में नहीं है, इसलिए वह याचिका पोषणीय नहीं है।

कोर्ट ने इस तर्क को अस्वीकार कर दिया और जवाब मांगा है। कहा है कि पंजीकरण निरस्त करने के कारण का खुलासा नहीं किया गया है। सोसाइटी पर फ्राड या गलत प्रतिनिधित्व का आरोप नहीं है। पंजीकरण निरस्त होने से सोसाइटी खत्म नहीं हो जाती।

Source link

Show More

2 Comments

  1. Pingback: ai nude

Leave a Reply

Back to top button

You cannot copy content of this page