बैंक और फाइनेंस कंपनियों के फ्राड खुलासे को लेकर डा देवेन्द्र बल्हारा की किताब मार्किट में ।

बैंक और फाइनेंस कंपनियों के फ्राड खुलासे को लेकर डा देवेन्द्र बल्हारा की किताब मार्किट में
1, किताब का नाम रूपया मूल्य का मापक या शोषण का साधन ।
धौलाना। संजीव वशिष्ठ ।
दो दशकों की साधना और कड़ी मेहनत के बाद आखिरकार आचार्य घनश्याम वर्मा और डा देवेन्द्र बल्हारा की लिखी पुस्तक रुपया मूल्य का मापक या शोषण का साधन मार्किट में आ ही गई । जिसका वर्षों से लोग बेसब्री से प्रतीक्षा कर रहे थे । इस किताब के आने से कितने बैंक और फाइनेंस कंपनियों के गेट पर ताला लगना तय है ये नजर आने लगा है । जनता सरकार मोर्चा के वीरेन्द्र शिशोदिया ने बताया की इस किताब में डा देवेन्द्र बल्हारा और आचार्य घनश्याम वर्मा ने अपनी वर्षों की साधना को झोंक दिया है । इस किताब से न्यू वर्ड ऑर्डर को लागू होने से रोकने में सफलता तो मिलेगी ही साथ ही बैंकों और फाइनेंस कंपनियों द्वारा देश के लोगों के साथ किए जा रहे फ्राड का खुलासा हो गया है । कैसे आज तक बैंक किसके इशारे पर देश के किसान व्यापारी मजदूर आम नौकरी पेशा लोगों को ठगते और बरबाद करते आ रहे थे । जो अब नहीं होगा । उन्होंने बताया की बैंक और फाइनेंस कंपनी आपको लोन के नाम पर जो करेंसी देते है वो पूर्णतया अवैध है । जिसके समस्त प्रमाण इस किताब में है । ये किताब देश की अर्थव्यवस्था के लिए बेहद कारगर होगी । जो लोगों की मूल सम्पत्ति की रक्षा करने की कारक बनेगी । की किस तरह सरकार बैंक और फाइनेंस कंपनियों से मिलकर देश के जल जंगल जमीन और जानवरों पर कब्जा कर लोगो के मूल स्वरूप को छीन कर उन्हें अपनी जमीनों से उजाड़ने का कुचक्र रच रहे है । जो राष्ट्र के लिए बड़ी विडंबना है । वीरेन्द्र शिशोदिया ने बताया की पूरी किताब तथ्यों पर आधारित है और बैंकों और फाइनेंस कंपनियों के हर फ्राड का खुलासा करती है । इसलिए देश के हर व्यक्ति के पास इस किताब की उपलब्धता आवश्यक है । इस किताब को जनता सरकार मोर्चा के किसी भी कार्यकर्ता से संपर्क कर प्राप्त किया जा सकता है । इस किताब का मूल्य केवल 1100, रु रखा गया है । ये किताब देश को कर्ज मुक्त करने के अभियान को नई क्रांति देने का काम करेगी । जिससे करोड़ों लोगों को उजड़ने से बचाया जा सकेगा । वहीं डा देवेन्द्र बल्हारा ने फोन वार्ता पर बताया की इस किताब को हाइकोर्ट , सुप्रीम कोर्ट, जिला कोर्ट के अधिवक्ताओं, जजों और प्रशासनिक अधिकारियों को उपलब्ध कराया जा रहा है । जिससे रु के मूल्य के प्रामाणिक तथ्यों से इन्हें अवगत कराया जा सके । जिसको सरकारों ने आज तक दबाए रखा । विदेशी इशारों पर भारत का RBI संचालित होता है । जो देश की जनता के साथ बहुत बड़ा धोखा है । जनता जब तक जागरूक नहीं होगी सरकार विदेशी इशारों पर लोगों को कर्ज में फंसा कर उनकी मूल सम्पत्ति को हड़पती रहेगी । जिससे भारत का मूल स्वरूप बिगाड़ा जा सके । ये किताब बैंकों और फाइनेंस कंपनियों का पूरा फ्राड का खुलासा करती है वो भी प्रामाणिक और तथ्यों व कानून के अनुसार । इसलिए हर व्यक्ति को एक बार इस किताब का जरूर वाचन करना होगा जिससे लोगों को कर्ज मुक्त किया जा सके ।
परिचय। किताब के बारे में जानकारी देते वीरेन्द्र