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गुणकारी हल्दी के हैं कई फायदे, जानें रोजाना कितनी मात्रा में इस्तेमाल करना चाहिए

यह बात तो आप भी जरूर मानते होंगे कि जिस तरह नमक के बिना खाने का स्वाद नहीं आता उसी तरह हल्दी (Turmeric) के बिना खाने में रंग नहीं आता. सब्जी हो या दाल या कोई अन्य व्यंजन, हम रोजाना हल्दी का इस्तेमाल किसी न किसी रूप में जरूर करते हैं. इन दिनों कोरोना (Coronavirus) महामारी के दौर में तो बड़ी संख्या में लोग अपनी इम्यूनिटी (Immunity) मजबूत बनाने के लिए हर दिन हल्दी वाले दूध का भी सेवन करने लगे हैं. लिहाजा हल्दी सिर्फ एक मसाला नहीं है बल्कि औषधीय गुणों से भरपूर होने की वजह से इसे सुपरफूड की भी कैटिगरी में रखा जा सकता है क्योंकि सर्दी-खांसी से लेकर स्किन डिजीज और हृदय रोग से लेकर कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों से भी बचाने में मदद कर सकती है हल्दी.

सेहत के लिए कई तरह से फायदेमंद है हल्दी

कई रिसर्च और स्टडीज में भी हल्दी को शरीर और ब्रेन दोनों के लिए फायदेमंद बताया गया है.
1. डायबिटीज में- हल्दी में कर्क्युमिन (Curcumin) नाम का तत्व पाया जाता है जिसे एंटी-डायबिटिक के तौर पर देखा जाता है. ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करके डायबिटीज (Diabetes) कंट्रोल करने में हल्दी का सेवन लाभदायक माना जाता है. कर्क्युमिन में खून में ग्लूकोज लेवल और लिपिड्स (कोलेस्ट्राल बढ़ाने वाले फैट जो पानी में नहीं घुलते) को घटाने की क्षमता होती है. इससे टाइप 2 डायबिटीज में इंसुलिन प्रतिरोध को दूर करने के भी गुण पाए जाते हैं.

2. हृदय रोग- हल्दी में पाया जाने वाला कर्क्युमिन हृदय रोग (Heart Disease) से भी बचाने में मदद कर सकता है. यह रक्तवाहिकाओं के फंक्शन को बेहतर बनाने में मदद करता है जिससे ब्लड प्रेशर को रेग्युलेट करने में मदद मिलती है और ब्लड क्लॉट यानी खून का थक्का भी नहीं जमता. साथ ही कर्क्युमिन, इन्फ्लेमेशन को भी कम करने में मदद करता है जो हार्ट डिजीज का एक अहम जोखिम कारक है.

3. कैंसर से बचाने में- हल्दी में पाए जाने वाले कर्क्युमिन को कैंसर (Cancer) के इलाज में एक फायदेमंद जड़ी बूटी के तौर पर देखा जाता है. यह कैंसर के ग्रोथ को रोकने में मदद करता है साथ ही कैंसर कोशिकाओं को मारने का भी काम करता है. वैसे तो हल्दी कई तरह के कैंसर में फायदेमंद साबित हो सकती है लेकिन यह कोलोरेक्टल कैंसर में खासकर उपयोगी है.

4. आर्थराइटिस के इलाज में- आर्थराइटिस (Arthritis) में हड्डियों के जोड़ में सूजन और जलन की समस्या होने लगती है. चूंकि कर्क्युमिन में एंटी-इन्फ्लेमेटरी प्रॉपर्टीज होती हैं इसलिए आर्थराइटिस के इलाज में भी हल्दी मदद कर सकती है. हल्दी का सेवन करने से सूजन को कम करने में मदद मिलती है और आर्थराइटिस से जुड़े कई और लक्षण में भी सुधार की बात स्टडीज में सामने आयी है.

5. अल्जाइमर्स की बीमारी में- अल्जाइमर्स (Alzheimers) एक तरह की भूलने की बीमारी है जिसकी वजह से डिमेंशिया होता है और इसका अभी तक कोई इलाज मौजूद नहीं है. इन्फ्लेमेशन और ऑक्सिडेटिव डैमेज की वजह से ही अल्जाइमर्स होता है और हल्दी में मौजूद एंटी इन्फ्लेमेटरी प्रॉपर्टीज इन दोनों समस्याओं को रोक कर अल्जाइमर्स होने से बचाने में मदद करते हैं.

हल्दी की कितनी मात्रा करें यूज

हल्दी भले ही हेल्दी हो और रोजाना इसका इस्तेमाल करना फायदेमंद है लेकिन इसकी कितनी मात्रा का उपयोग करना चाहिए ये जानना भी जरूरी है. हल्दी के गुणों का लाभ पाने के लिए किसी वयस्क व्यक्ति को रोजाना 500 मिलीग्राम कर्क्युमिन का सेवन करना चाहिए. हालांकि अलग-अलग जरूरतों के हिसाब से यह मात्रा 1 हजार मिलीग्राम भी हो सकती है. एक चम्मच हल्दी में लगभग 200 मिलीग्राम कर्क्युमिन होता है और इसलिए दिनभर में 3-4 चम्मच हल्दी ले सकते हैं. जिन लोगों को हमेशा ही जलन या एसिडिटी जैसी तकलीफ रहती हो वे पानी में हल्दी मिलाकर भी पी सकते हें. हल्दी की कितनी मात्रा आपके लिए सही है इस बारे में अपने डॉक्टर से बात करें.

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