ऑनलाइन जुआ में हारनें के बाद आत्महत्या जैसी घटनाओं की जिम्मेदार कम्पनियों के विरुद्ध कार्यवाही की मांग सांसद राजेन्द्र अग्रवाल ने की लोकसभा में
हापुड़। क्षेत्रीय सांसद राजेन्द्र अग्रवाल ने आज लोकसभा में प्रश्न काल के दौरान ऑनलाइन जुआ खेले जाने के कारण पैसा गंवाने के पश्चात कंपनियों द्वारा परेशान किये जाने के बाद उत्पन्न स्थिति के परिणामस्वरूप होने वाली आत्महत्याओं तथा इस प्रकार के अवैध कृत्य में शामिल कंपनियों के विरुद्ध कार्यवाही के सम्बंध में प्रश्न उठाया।
भारत सरकार में इलेक्ट्रोनिकी और सूचना प्रौधौगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने उक्त प्रश्न का जवाब देते हुए बताया कि राज्य पुलिस और कानून प्रवर्तन एजेंसियों द्वारा रिपोर्ट किये गए डेटा के आधार पर साइबर अपराध सहित अपराधों से संबंधित डेटा राष्ट्रीय अपराध ब्यूरो (NCRB) द्वारा रखा जाता है।
सट्टेबाजी और जुए पर कानून और अवैध सट्टेबाजी में शामिल कंपनियों के खिलाफ कार्यवाही के सम्बन्ध में उन्होंने बताया कि “सट्टेबाजी और जुआ” संविधान की सातवीं अनुसूची की राज्य सूची में प्रविष्टि 34 है। इसलिए संविधान के अनुच्छेद 246 के प्रावधानों के अनुसार राज्य विधानमंडल के पास सट्टेबाजी और जुए से सम्बंधित मामलों पर कानून बनाने की विशेष शक्ति है।
इसके अलावा अनुच्छेद 162 के प्रावधानों के अनुसार सट्टेबाजी और जुए से सम्बंधित मामले राज्यों की कार्यकारी शक्ति के अंतर्गत आते हैं। इसके अलावा दंड प्रक्रिया संहिता, 1973 के अनुसार संज्ञेय अपराधों की रोकथाम और जांच पुलिस द्वारा की जाती है और पुलिस संविधान की सांतवीं अनुसूची के तहत एक राज्य का विषय है। अवैध सट्टेबाजी और जुए पर कार्यवाही के लिए रोकथाम, जांच आदि के लिए राज्य मुख्य रूप से जिम्मेदार हैं तदनुसार राज्य पुलिस विभाग अवैध सट्टेबाजी और जुए के सम्बन्ध में कानून के अनुसार निवारक और दंडात्मक कार्यवाही करते हैं।
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