ऊर्जा निगम द्वारा अवैध कालोनियों को ऊर्जीकरण के सर्वे आदेश पर एचपीडीए ने मांगा जवाब
ऊर्जीकरण को लेकर एमडी कार्यालय को लिखा पत्र
हापुड़। कॉलोनाइजरों से मिलकर अवैध कॉलोनी के ऊर्जीकरण के सर्वे का आदेश करने पर तत्कालीन अधिशासी अभियंता फंस रहे हैं। इस मामले में अब एमडी कार्यालय से जवाब मांगा गया है। एचपीडीए के पत्र लिखने के बावजूद सर्वे का आदेश किया गया था। हालांकि मामला खुलने पर एक्सईन पीछे हट गए, लेकिन कार्यवाही की तलवार अभी भी उनके ऊपर लटकी हुई है।
एचपीडीए अवैध कॉलोनियों को ध्वस्त करने में जुटा है, लेकिन ऊर्जा निगम के अधिकारी नियमों को ताक पर रख कॉलोनियों का ऊर्जीकरण करा रहे हैं। ऊर्जीकरण से पहले वह यह भी नहीं देखना मुनासिब समझ रहे है कि वह कॉलोनी एचपीडीए से प्रमाणित है भी या नहीं।
एचपीडीए के विशेष कार्याधिकारी ने जिले के तीनों डिवीजन में अधिशासी अभियंताओं को पत्र लिखकर, अवैध कॉलोनियों का ऊर्जीकरण न करने की अपील की थी। क्योंकि ऊर्जीकरण के आधार पर ही कॉलोनाईजर लोगों को झांसे में लेते हैं और बिना कोई मूल सुविधा दिए प्लाटिंग कर देते हैं। भविष्य में इसका खामियाजा लोगों को उठाना पड़ता है। इस पत्र के मिलने के बाद भी गढ़ डिवीजन के तत्कालीन अधिशासी अभियंता ने एक ऐसी ही कॉलोनी के ऊर्जीकरण को लेकर जेई को सर्वे के आदेश दे दिए।
हालांकि फंसने के डर से जेई ने भी सर्वे नहीं किया। मामला खुला तो अधिशासी अभियंता भी पीछे हट गए, लेकिन उनका लिखा आदेश उच्चाधिकारियों तक पहुंच गया। अधीक्षण अभियंता यूके सिंह ने कहा कि डिवीजन मंे कई मामलों की जांच इन दिनों एमडी कार्यालय से ही चल रही है।
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