हापुड़। ऊर्जा निगम के हापुड़ डिवीजन में उपखंड अधिकारी द्वितीय रहे दीपांशु सहाय को एमडी पश्चिमांचल ने निलंबित किया है। इन दिनों वह मेरठ में अधिशासी अभियंता के पद पर तैनात थे, एक कॉलोनी के विद्युतीकरण में अनियमितता पर कार्रवाई हुई है। हापुड़ में वर्ष 2017 के दौरान सरकार की आईपीडीएस योजना में अवैध कॉलोनियों को ऊर्जीकरण करने के मामले में भी उनकी कार्यप्रणाली पर सवाल उठे।
अवैध कॉलोनियों को ऊर्जीकृत कर, ऊर्जा निगम के अधिकारी मोटा सुविधा शुल्क वसूल रहे हैं। हापुड़ में वर्ष 2017 में आईपीडीएस योजना लागू हुई थी। इस योजना में गांव, शहरों के ऐसे क्षेत्र जहां बिजली की सुविधा नहीं है, उस क्षेत्र का ऊर्जीकरण होना था। लेकिन तत्कालीन अधिकारियों ने इस योजना में अवैध कॉलोनियों का ऊर्जीकरण कर दिया। बिना एस्टीमेट भी इस तरह के कई कार्य किए गए।
बाबूगढ़ क्षेत्र में सबसे अधिक ऐसे मामले सामने आए थे। उस दौरान उप खंड अधिकारी दीपांशु सहाय हापुड़ में ही तैनात थे। हाल ही में गढ़ डिवीजन क्षेत्र में एक ऐसी ही कॉलोनी को ऊर्जीकृत करने का आदेश जारी कर, अधिशासी अभियंता फंस गए हैं, जिन पर कार्रवाई की तलवार लटकी है। साथ ही कई अन्य फर्जी कॉलोनियों में हुए विद्युतीकरण के कार्यों की भी जांच की जा रही है।
बहरहाल, मेरठ में अधिशासी अभियंता पद पर सेवा दे रहे दीपांशु सहाय के निलंबित होने से हापुड़ के अधिकारियों में भी डर का माहौल बन गया है। इसके अलावा कई अन्य घोटाले व भ्रष्टाचार के मामले निगम की छवि को धुमिल कर रहे हैं। जिनकी शिकायत चेयरमैन व एमडी से की गई है। एक एक कर इस प्रकार के पुराने मामले खुलने से जहां अन्य जिलों के अधिकारी भी सहमे हैं वहीं इस जांच में नपने का डर कनिष्ठ अधिकारियों को भी सता रहा है।