रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने सभी बैंकों को निर्देश दिया है कि इमेज आधारित चेक ट्रंकेशन सिस्टम (Cheque Truncation System-CTS) को लागू करें. RBI ने सभी बैंकों को CTS सिस्टम को अपनी सभी शाखाओं में 30 सितंबर 2021 तक लागू करने का निर्देश दिया है.
फिलहाल 1.5 लाख बैंक शाखाओं में CTS
रिजर्व बैंक के इस फैसले से चेक क्लीयरेंस में तेजी आएगी, जिसका फायदा बैंक के ग्राहकों को होगा. अभी करीब 18 हजार बैंक शाखाएं हैं जहां कोई औपचारिक क्लियरिंग व्यवस्था नहीं है. पिछले महीने ही रिजर्व बैंक ने पूरे देश में CTS सिस्टम के दायरे में देश के सभी बैंकों की शाखाओं को लाने का ऐलान किया था. चेक क्लियरेंस के लिए CTS का इस्तेमाल 2010 से हो रहा है, फिलहाल ये 1.5 लाख शाखाओं में है.
बैंक उचित ढांचा लगाने को आजाद: RBI
रिजर्व बैंक ने कहा है कि CTS सिस्टम के तहत बैंकों को यह सुनिश्चित करना होगा कि 30 सितंबर, 2021 तक उसकी शाखाएं इमेज आधारित CTS प्रणाली के तहत आ जाएं. इसके लिए बैंक कोई भी मॉडल अपनाने को स्वतंत्र होंगे. बैंक इसके लिए हर शाखा में उचित ढांचा लगा सकते हैं या फिर हब या स्पोक मॉडल का इस्तेमाल कर सकते हैं.
कई शाखाओं में अब भी व्यवस्था नहीं: RBI
रिजर्व बैंक का कहना है कि ऐसा देखा गया है कि अब भी बहुत सारी शाखाएं ऐसी हैं जहां औपचारिक क्लियरिंग व्यवस्था नहीं है, जिसकी वजह से ग्राहकों को परेशानी का सामना करना पड़ता है. उनके चेक के क्लियर होने में ज्यादा समय और पैसा लगता है. रिजर्व बैंक ने सभी बैंकों को निर्देश दिया है कि पूरे देश में CTS को लागू करने के लिए 30 अप्रैल 2021 से पहले रोडमैप सौंपे.
क्या है चेक ट्रंकेशन सिस्टम
चेक ट्रंकेशन सिस्टम दरअसल चेक को क्लीयर करने की एक बेहद आसान प्रक्रिया है. पहले जहां चेक को फिजिकली एक जगह से दूसरी जगह भेजा जाता था, अब चेक ट्रंकेशन सिस्टम के तहत इसे इलेक्ट्रॉनिक फोटो के जरिए अदाकर्ता शाखा को भेज दिया जाता है. जिसमें सभी जरूरी जानकारियां जैसे MICR, तारीख प्रस्तुति की तारिख, प्रस्तुत करने वाले बैंक का ब्यौरा भी होता है.