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सामूहिक विवाह योजना में भी भ्रष्टाचार, कमीशन लेने का आरोप

75 हजार रुपये की सहायता के एवज में लिया गया 15 से 25 हजार कमीशन

हापुड़। शासन की योजना के तहत श्रम विभाग में पंजीकृत निर्माण श्रमिकों की बेटियों के सामूहिक विवाह कराने के नाम पर कमीशन खोरी का मामला प्रकाश में आया है। अखिल भारतीय पंचायत संगठन के राष्ट्रीय महामंत्री नानक चंद शर्मा ने लाभार्थियों को 75 हजार रुपये अनुदान देने के नाम पर 15 से 25 हजार रुपये तक वसूली का आरोप लगाया है। लाभार्थियों ने रुपये वसूले जाने की वीडियो भी जारी की है। मामले की शिकायत जिलाधिकारी से लेकर मुख्यमंत्री तक की गई है।

श्रम विभाग पंजीकृत श्रमिकों की बेटियों को विवाह के लिए अनुदान के रूप में 75 हजार रुपये देता है, जो लाभार्थी के सीधे खाते में पहुंचते हैं। शिकायतकर्ता नानक चंद ने आरोप लगाया है कि श्रम विभाग वर्ष 2022 में करीब 800 और वर्ष 2021 में करीब 500 शादियां जिला गाजियाबाद में कराई हैं। आरोप है कि उन सभी शादियों में बड़ी संख्या में फर्जीवाड़ा हुआ है।

जिन श्रमिकों के पास लड़की नहीं है, उनके बैंक खाते में 75 हजार रुपये आए हैं। कुछ ऐसे भी श्रमिक हैं, जिनकी पुत्रियों की शादियों को 10 वर्ष हो गए हैं, उनको भी पैसा आया है, जबकि कुछ विवाह स्थल पर नहीं पहुंचे हैं। उनके खाते में भी पैसा आया है। इसके अलावा जो सही मायने में पात्र थे, उन्हें लाभ दिलाने के ऐवज में कमीशन के रूप में 15 से 25 हजार रुपये लिए गए। उन्होंने लाभार्थियों से सम्पर्क किया तो उन्होंने माना कि उनसे बाद में कमीशन लिया गया है।

नानक चंद शर्मा ने प्रकरण की गंभीरता से जांच कराकर दोषियों के खिलाफ कार्यवाही की मांग की है। साथ ही चेतावनी दी है कि कार्यवाही नहीं हुई तो पंचायत संगठन मुख्यालय पर धरना देगें।

मामले में सहायक श्रमायुक्त सर्वेश कुमारी का कहना है कि तहसील स्तर से जाँच कराई जाती है। लाभार्थियों के बैंक खाते में धनराशि पहुंचने के बाद किसने किसको और क्यूं रुपये दिए इससे विभाग का कोई लेना देना नहीं है।

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