महिलाएं, संधारणीय विकास और तकनीकी शब्दावली विषय पर दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का हापुड़ में हुआ शुभारंभ
हापुड़।
एस0एस0वी0 कॉलेज, हापुड में ‘महिलाएं, संधारणीय विकास और तकनीकी शब्दावली’ विषय पर वैज्ञानित तथा तकनीकी शब्दावली आयेाग, नई दिल्ली एवं भूगोल विभाग, एस0एस0वी0 कॉलेज, हापुड, उ0प्र0 के संयुक्त तत्वावधान मंे आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का शुभारंभ हुआ। सभी अतिथियों द्वारा दीप प्रज्ज्वलन किया गया।
तत्पश्चात् प्रथम सत्र के व्याख्यानदाताओं का स्वागत प्रबन्ध समिति के अध्यक्ष अशोक कुमार गुप्ता, मंत्री अमित अग्रवाल, उपप्रधान प्रभात कुमार अग्रवाल, उपमंत्री राजेन्द्र अग्रवाल, प्राचार्य प्रोफेसर नवीन चन्द्र सिंह ने पौधा देकर अतिथियों को सम्मानित किया।
संगोष्ठी का आरम्भ प्रबन्ध समिति के अध्यक्ष के आशीर्वचनों से हुआ और मंत्री ने कहा कि महिलाओं की शिक्षा तक पहुंच वैश्विक प्रगति को बढावा देती है। इसके बाद कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए प्रो0 गिरीश नाथ झा, अध्यक्ष, वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दावली आयोग, नई दिल्ली ने अपने वक्तव्य में कहा कि shabd.gov.edu.in पर जाकर 300 से अधिक शब्दावली की पुस्तकें उपलब्ध है जिनमें एक पुस्तक में एक लाख से अधिक विभिन्न शब्दावलियां है और कहा कि मातृभाषा के प्रचार-प्रसार में माताओं, महिलाओं का विशेष योगदान होता है।
कॉलेज के प्राचार्य प्रो0 नवीन चन्द्र सिंह ने कहा कि शब्दावली निर्माण में महिलाओं की भागीदारी को बढाने की आवश्यकता है।
कार्यक्रम की तृतीय सत्र का संचालन डॉक्टर मानवेंद्र सिंह बघेल तथा डॉ गजाला प्रवीन ने किया। इस सत्र की अध्यक्षता डॉ॰ रश्मि त्यागी, डीएवी कॉलेज मुंबई तथा सह-अध्यक्षता डॉ नीतू गोस्वामी जो कि J&EM, भारत सरकार से हैं, ने की। इस सत्र में डॉ रश्मि त्यागी, डॉक्टर संगीतिका, डॉ मोनिका गोविल तथा डॉक्टर धनंजय तिवारी ने अपनी वार्ता प्रस्तुत की।
जे0एन0यू0, दिल्ली से पधारे छात्र कल्याण अधिष्ठाता प्रो0 सुधीर प्रताप सिंह ने कहा कि शब्दावली निर्माण में स्त्री पुरूष की समान सहभागिता होनी चाहिए। प्रो0 अजय कुमार सक्सेना, जे0एन0यू0 नई दिल्ली ने कहा कि भाषा को लेकर सदा गर्व की भावना होनी चाहिए। पुस्तकों मातृभाषा में होनी चाहिए।
कार्यक्रम का संचालन प्रो0 संगीता अग्रवाल एवं प्रो0 स्वागता बासु एवं धन्यवाद ज्ञापन प्राचार्य प्रो0 नवीन चन्द्र सिंह ने किया।