महर्षि दयानंद सरस्वती की जयंती श्रद्धा पूर्वक मनाई गई
हापुड़। आर्य समाज हापुड़ में महान समाज सुधारक, स्वराज के उद्घोषक, आर्य समाज के संस्थापक, युगप्रवर्तक महर्षि दयानंद सरस्वती का 199वां जन्मदिवस श्रद्धा पूर्वक मनाया गया। कार्यक्रम का प्रारम्भ पवित्र वेद ऋचाओं से यज्ञ के साथ हुआ। यज्ञ के ब्रह्मा धर्माचार्य धर्मेन्द्र शास्त्री रहे।
मेरठ की क्रांतिकारी भूमि से पधारे युवा संगीतज्ञ संदीप आर्य गिल ने ईश्वर भक्ति व ऋषिवर दयानंद के जीवन के प्रेरणाप्रद भजनों के माध्यम से श्रोताओं को भाव विभोर किया। पानीपत हरियाणा से पधारे वैदिक विद्वान आचार्य डॉ0 सुश्रुत सामश्रमी ने महर्षि दयानन्द सरस्वती की जीवन के अनेकों संस्मरण से अवगत कराते हुए कहा कि जिस समय देश गुलामी की जंजीरों में जकड़ा हुआ था, उस समय आज से 199 वर्ष पूर्व गुजरात के टंकारा में मूल शंकर का जन्म हुआ। जिन्हें आज हम महर्षि दयानंद के नाम से जानते हैं।
भारत पाखंड, सामाजिक कुरुतियों, नारी उत्पीड़न, अशिक्षा, गरीबी के अंधकार में डूबा था, तब दयानंद ने वेदों की ओर लोटो का आह्वान किया। नारियों की शिक्षा के लिये गुरुकुलों की स्थापना की। संरक्षक आनंद प्रकाश आर्य, प्रधान पवन आर्य, महिला प्रधान वीना आर्य, शशि सिंघल, माया आर्य, राजप्रभा आर्य, पुष्पा आर्य, रेखा मौजूद रहीं।
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