मकर संक्रांति पर लाखों श्रद्धालुओं ने लगाई गंगा में डुबकी, गरीब-निराश्रितों को दान दिया
हापुड़़।
तीर्थनगरी ब्रजघाट पर मकर संक्रांति पर एक लाख से अधिक भक्तों ने कड़कड़ाती
सर्दी की कोई भी परवाह किए बिना मोक्ष दायिनी गंगा में आस्था की डुबकी लगा
भगवान सूर्यदेव को अघ्र्य देकर पुण्यार्जित किया।
मकर संक्रांति के पर दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान समेत पश्चिमी प्रदेश के जनपदों
से आए भक्तों ने ब्रजघाट और लठीरा गंगा में आस्था की डुबकी लगाकर पुण्यार्जित
किया। बाहरी प्रांतों के भक्तों का आगमन बृहस्पतिवार की शाम को ही प्रारंभ हो
गया था, जिसके चलते रात होने पर तीर्थनगरी में चौतरफा चहल पहल बढऩे के साथ ही
बाजारों में रंगत उत्पन्न हो गई थी।
प्रात:काल में चार बजे ब्रह्मकाल प्रारंभ होते ही अधिकांश भक्तों की भीड़
गंगा किनारे एकत्र हो गई थी। जहां हर हर गंगे के जयकारों के बीच ठिठुरती सर्दी
के बीच मोक्ष दायिनी में डुबकी लगाने का क्रम प्रारंभ हो गया था, जो देर शाम
में सूर्यास्त होने तक निरंतर चलता रहा। अधिकांश भक्तों ने डुबकी लगाने के
उपरांत जलधारा में खड़े होकर भगवान भास्कर को अघ्र्य देने की रस्म अदा की।
अधिकांश भक्तों ने किनारे पर बैठे पंडितों से भगवान सत्यनारायण और मकर
संक्रांति पर्व की कथा सुन उन्हें दक्षिणा दी। भक्तों ने तीर्थनगरी के
प्रसिद्ध धर्मस्थलों में पहुंचकर अपने ईष्टदेवों के समक्ष मत्था टेककर मनौती
भी मांगी।
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