प्राईवेट स्कूलों द्वारा आरटीई के तहत निःशुल्क प्रवेश देने से इन्कार करने का डीएम ने लिया संज्ञान
हापुड़ के मदर्स प्राइड स्कूल पर लगाया गया प्रवेश नही देने का आरोप
हापुड़। निःशुल्क शिक्षा अधिकार अधिनियम के तहत चयनित होने के बाद कोटला सादात निवासी एक छात्र को स्कूल ने प्रवेश देने से इन्कार कर दिया। बृहस्पतिवार को दूसरी बार शिकायत लेकर छात्र की मां डीएम कार्यालय पहुंची। डीएम ने नाराजगी जताते हुए बीएसए को जांच कर कार्यवाही के आदेश दिए। कई अन्य विद्यालयों में भी प्रवेश को लेकर छात्रों को चक्कर कटाए जा रहे हैं।
निजी स्कूलों में गरीब छात्रों को प्रवेश दिलाने के लिए आरटीई के तहत आवेदन कराया गया था। इसमें 1033 छात्रों के लॉटरी में नाम आए थे। लेकिन अभी तक शत प्रतिशत बच्चों को प्रवेश नहीं मिल सका है। आलम यह है कि कई स्कूल छात्रों को प्रवेश देने से साफ इन्कार कर रहे हैं।
बृहस्पतिवार को डीएम कार्यालय पहुंची कोटला सादात निवासी सविता रानी ने बताया कि उसके बच्चे का चयन आरटीई में हुआ। उसे मदर्स प्राइड स्कूल में प्रवेश दिया जाना था। लेकिन जब स्कूल पहुंचे तो वहां स्टाफ ने यह कह दिया कि यहां स्कूल में आरटीई के तहत प्रवेश नहीं होते हैं, यदि बच्चे का दाखिला कराना है तो 20 हजार रुपये फीस जमा कराओ।
पीडि़ता ने बताया कि उसके परिवार की आय एक लाख से कम है। ऐसे में 20 हजार रुपये कहां से जमा कराएं। पीडि़ता को दूसरी बार कार्यालय में आने पर डीएम ने संज्ञान लिया और बीएसए को जांच कर सख्त कार्यवाही के निर्देश दिए।
चयनित बच्चों को दिलाया जायेगा प्रवेश
आरटीई में चयनित बच्चों को संबंधित स्कूलों में प्रवेश अवश्य दिलाया जायेगा। शिकायत के आधार पर जांच कर, आवश्यक कार्यवाही की जायेगी। – अर्चना गुप्ता, बीएसए
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