पौराणिक कार्तिक पूर्णिमा गंगा मेले का भव्य आयोजन होगा:रेखा नागर, विदेशी नागरिकों के लिए अलग सेक्टर बनाया जायेगा


-महिलाओं के लिए पर्याप्त संख्या में बनाये जायेंगे चेजिंग रूम
-गंगा मेले स्थल से किसानों ने गन्ना व धान की फसल काटनी शुरू की
हापुड़ ।
गढ़मुक्तेश्वर के खादर क्षेत्र में कार्तिक पूर्णिमा पर लगने वाले गंगा
मेले का भव्य आयोजन किया जायेगा। मेले की तैयारी में जिला प्रशासन व जिला
पंचायत विभाग जुट गया है। अधिकारी अपनी निगरानी में तेजी से किसानों से
गन्ना व धान की फसल कटवा रहे है। जिससे गंगा मेले की तैयारी समय से पूर्ण
हो सकेगी। वहीं गंगा मेले में आने वाले विदेशी नागरिकों के लिए अलग
सेक्टर बनाया जायेगा।
              जानकारी के अनुसार प्रतिवर्ष जिला पंचायत द्वारा
गढ़मुक्तेश्वर के खादर क्षेत्र में पौराणिक कार्तिक पूर्णिमा गंगा मेले
का आयोजन किया जाता है। जिसकी तैयारी जिला प्रशासन द्वारा एक माह पूर्व
से शुरू कर दी जाती है। मेले में गंगा स्नान करने के लिए उत्तर प्रदेश के
विभिन्न जनपदों के अलावा राजस्थान,पंजाब,हरियाणा व दिल्ली से करीब 20 से
25 लाख श्रद्घालु आते है। जिला पंचायत व प्रशासन का प्रयास रहता है,कि
मेले में आने वाले श्रद्घालुओं को किसी परेशानी का सामना नहीं करना पड़ा।
इसके लिए जिला प्रशासन व जिला पंचायत द्वारा व्यापक स्तर पर तैयारी की
जाती है।
         जिला पंचायत अध्यक्ष रेखा नागर ने बताया कि गंगा के रेतीले
मैदान में भव्य मेले का आयोजन किया जायेगा। जिसके लिए जिला प्रशासन व
जिला पंचायत द्वारा तैयारी शुरू कर दी है। मेले में आने वाले श्रद्घालुओं
को किसी परेशानी का सामना नहीं करना पड़े,इसका ध्यान रखा जायेगा।
        उन्होंने बताया कि मेले में महिलाओं के लिए पर्याप्त संख्या में
चेजिंग रूम बनाये जायेंगे। मेले में स्वच्छता का विशेष ध्यान रखा जायेगा।
मेले में आने वाले श्रद्घालुओं से अपील की जायेगी,कि मेले स्थल पर साफ
सफाई का विशेष ध्यान रखा जाये।
     चेयरमैन ने बताया कि गंगा मेले में आने वाले विदेशी नागरिकों के लिए
अलग से सेक्टर बनाया जायेगा। उनकी सुरक्षा व व्यवस्था का प्रबन्ध किया
जायेगा।
           उन्होंने बताया कि गंगा मेला राजकीय मानचित्र पर आने के बाद
से सरकार द्वारा मेला आयोजन के लिए धनराशि रिलीज की जाती है। वर्ष 2022
गंगा मेले के आयोजन के लिए एक करोड़ 30 लाख की धनराशि रिलीज की है। जबकि
मेला आयोजन पर करीब तीन करोड़ खर्च होते है। शेष धनराशि रिलीज करने के
लिए शासन को पत्राचार किया गया है।
     चेयरमैन रेखा नागर ने बताया कि मेला स्थल पर खड़ी गन्ना व धान की
फसल अधिकारी अपनी निगरानी में कटवा रहे है। जिससे गंगा मेले की तैयारी
समय से पूर्ण हो सकेगी।

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