पत्नी को बांझ बताने पर जेल में बंद आरोपी पति के पौरुष शक्ति की जांच के हाईकोर्ट ने दिए आदेश

पत्नी को बांझ बताने पर जेल में बंद आरोपी पति के पौरुष शक्ति की जांच के हाईकोर्ट ने दिए आदेश

हापुड़/ प्रयागराज । इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जमानत पाने के लिए आत्महत्या करने वाली पत्नी को युवक के बांझ बताने पर तल्ख टिप्पणी की। कहा कि बच्चे पैदा न होने का कारण हमेशा पत्नी ही नहीं, पति भी होता है। इसलिए याची की पौरुष शक्ति की जांच कराई जाए।

यह आदेश न्यायमूर्ति शेखर कुमार यादव की अदालत ने मोनी उर्फ मोनू की ओर से दाखिल जमानत याचिका पर दिया है। मामला हापुड़ के गढ़मुक्तेश्वर थाना क्षेत्र का है। दहेज की मांग को लेकर पत्नी को प्रताड़ित करने और आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में याची हापुड़ जेल में
बंद है। रिहाई के लिए हाईकोर्ट में जमानत याचिका दाखिल कर तर्क दिया है कि उसकी पत्नी बच्चा नहीं होने से अवसाद में थी, जिसके कारण उसने आत्महत्या की।

इस तर्क से हैरान कोर्ट ने उस तथ्य की पुष्टि के लिए सरकार को दस दिन के भीतर याची की पौरुष शक्ति की जांच करा रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया है। मामले की अगली सुनवाई 12 नवंबर को होगी।

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