हापुड़। नगर पालिका पिलखुवा का विवादों से लंबे समय से नाता चला रहा है पिलखवा पालिका में अक्सर घोटाले और पैसों की बंदरबांट के आरोप लगते ही रहते हैं और उन आरोपों की जांच होती है लेकिन जल्दी ही जांच भी ठंडे बस्ते में चली जाती है ऐसा नहीं है कि घोटालों के जो आरोप लगते हैं वह पूरी तरह से गलत ही हैं क्योंकि पिलखवा नगर पालिका के कर्मचारी ठेकेदार से बिल पास कराने के एवज में रिश्वत लेते हुए एंटी करप्शन की टीम द्वारा रंगे हाथ पकड़े जा चुके हैं जिसके बाद एंटी करप्शन की टीम ने पिलखवा कोतवाली में ही मुकदमा दर्ज कर पालिका कर्मियों को जेल भेज दिया था जिसके बाद वह जमानत पर बाहर आकर पिलखवा नगर पालिका में भी अक्सर देखे जा सकते हैं पिलखवा नगर पालिका मैं अक्सर कई मामलों में घोटालों और पैसे गबन की शिकायतें निचले स्तर से लेकर उच्च स्तर तक अक्सर होती ही रहती हैं, जिसके कारण पिलखवा नगर पालिका अक्सर चर्चा में रहती है और यहां के उच्च स्तरीय अधिकारी और नेता गणों में भी पिलखवा नगर पालिका को लेकर अक्सर चर्चा बनी रहती है एक बार फिर पिलखवा नगर पालिका मैं हुए पीएफ और पेंशन के खातों में घोटाले को लेकर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से शिकायत कर उच्च स्तरीय जांच की मांग की गई है।
शिकायतकर्ता का कहना है की पीएफ व पेंशन के खातों से पैसे निकाल कर कुछ लोगों ने और पिलखवा पालिका के कर्मचारियों सहित अन्य लोगों में उन पैसों की बंदरबांट भी हो गई है। पिलखुवा के मोहल्ला शुक्लान निवासी संजू बाल्मीकि ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और सीबीआई कार्यालय पर लिखित में शिकायत कर पीएफ और पेंशन खातों के घोटाले की जांच की मांग की है।
शिकायतकर्ता ने सीबीआई कार्यालय पर आग्रह किया है कि पिलखवा नगरपालिका के इस पूरे घोटाले की उच्च स्तरीय जांच की जाए उच्च स्तरीय जांच के बाद पूरा का पूरा घोटाला सामने आ जाएगा और इस घोटाले में कई सफेदपोश नेता और अधिकारियों के नाम भी सामने आएंगे जो इस पूरे घोटाले के सूत्रधार हैं और जनता और सरकार के पैसों की बंदरबांट कर रहे हैं जांच के उपरांत घोटाला सामने आने पर पूरे पैसे की रिकवरी की भी मांग की गई है।