धीरखेड़ा औद्योगिक क्षेत्र में प्रतिष्ठानों की समस्याओं को लेकर मुख्यमंत्री को सम्बोधित ज्ञॉपन सांसद को सौंपा,समाधान की मांग

हापुड़ (अमित अग्रवाल मुन्ना)।

सरकार को करोड़ों रूपयें का राजस्व देनें वालें धीरखेड़ा इंडस्ट्रीज एरिया के सैकड़ों उघमी मूलभूत समस्याओं को लेकर सालों से संघषर्रत है। 26 अगस्त को मुख्यमंत्री के.आगमन पर धीरखेड़ा इंडस्ट्रीज एसोशिएशन ने समस्याओं के समाधान के लिए मुख्यमंत्री को सम्बोधित एक ज्ञॉपन गुरूवार को क्षेत्रीय सांसद राजेन्द्र अग्रवाल को सौंपतें हुए समाधान की मांग की।

एसोशिएशन के सचिव धीरज चुग सोनू ने बताया कि गुरुवार को मुख्यमंत्री को इंडस्ट्रियल एरिया की समस्याओं के समाधान के लिए एक ज्ञॉपन सांसद राजेन्द्र अग्रवाल को सौंपकर समाधान की मांग की हैं।।

प्रेषित ज्ञॉपन में कहा गया कि हापुड़ निवासियों के लिए 28 सितंबर 2011 को पुनर्गठन प्रक्रिया तत्कालीन सरकार के द्वारा सृजित हापुड़ जनपद को जिला की उपलब्धि प्राप्त होने के पश्चात औद्योगिक समस्याओं से त्रस्त उद्यमियों की उम्मीद की किरण है। जनपद हापुड़ में आज भी विकास प्राधिकरण के द्वारा सन 2005 की महायोजना के बाद किसी भी नई योजना को केवल फाइलों तक ही सीमित रखा गया है जनपद बनने के पश्चात भी आज तक कोई भी महायोजना जनपद हापुड़ के लिए नहीं बनाई गई हैं।

उन्होंने बताया कि हापुड़ तहसील के निवासियों ने पिछले कई दशकों से हापुड़ से सटे धीरखेड़ा इंडस्ट्रियल एरिया में अपने प्रतिष्ठान बनाए हुए हैं। पंरतु आये सरकारी विभाग हापुड़ एवं आथे सरकारी विभाग मेरठ में आने के कारण विकास संभव नहीं हो पाया है।
श धीरखेड़ा इंडस्ट्रियल एरिया की सीमाओं का विस्तारीकरण पिछले 40 वर्षों से ना हो पाने के कारण हापुड़ एवं मेरठ क्षेत्र के उद्यमी अपना उत्पादन एवं व्यापार यथावत स्थिति में संजोए हुए हैं। यहां पर औद्योगिक विकास की अपार संभावनाएं हैं यदि प्राधिकरण के द्वारा इसकी सीमाओं का विस्तार किया जाए, तब यहां पर उत्तर प्रदेश का अत्याधुनिक विशाल औद्योगिक क्षेत्र स्थापित किया जा सकता है। धीरखेड़ा इंडस्ट्रियल एरिया में सड़कों के स्थान पर इतने गहरे गड्ढे हैं कि हर वर्षा ऋतु में रास्ते पर कोई ना कोई ट्रक एवम गाड़ी मड्ढों में गिर जाती है कई बार तो उद्यमियों की गाड़ी भी उन गड्ढों का भोग बनी है।

ज्ञॉपन में कहा गया कि धीरखेड़ा औद्योगिक क्षेत्र में के नालों के पानी की निकासी अत्यंत दुर्लभ स्थिति में है।
समस्त धीरखेड़ा औद्योगिक क्षेत्र में किसी भी प्रकार की लाइटों की व्यवस्था प्राधिकरण, ग्राम पंचायत अथवा शासन के द्वारा नहीं कराई गई है, जिस कारण सायं काल में सड़कों से महिलाएं डर के माहौल में आवागमन करती हैं, चोरी एवं लूटपाट औद्योगिक क्षेत्र के लिए आमबात है।

मुख्यमंत्री को प्रेषित ज्ञॉपन में कहा कि धीरखेड़ा औद्योगिक क्षेत्र में अग्निशमन कार्यालय न होने के कारण प्रत्येक वर्ष कोई ना कोई प्रतिष्ठान अग्नि में स्वाहा हो जाता है। यह समस्याएं लगातार उद्योग बंधु की मीटिंग में रखी जाती हैं, अनेकों बार जनप्रतिनिधियों को भी समस्याओं से अवगत कराया गया है, परंतु आज तक भी किसी समस्या का निवारण सरकार के द्वारा नहीं किया गया है केवल कागजी कार्यवाही एवं झूठे आश्वासन देकर उद्यमियों को घर भेज दिया जाता रहा है।
उन्होंने कहा कि एरिया की इन मूलभूत समस्याओं के समाधान की मांग की.।

ज्ञॉपन पर गढ़ विधायक हरेंद्र चौधरी, धीरखेड़ा इंडस्ट्रियल एसोशिएशन के सचिव धीरज चुग सोनू, आईआईए अध्यक्ष राजेंद्र गुप्ता, सचिव पवन शर्मा ,कोषाध्यक्ष बंसल ,अशोक छारियाआदि मौजूद थे।

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