टीबी उन्मूलन कार्यक्रम के तहत शुरू हुआ” जनांदोलन“

हापुड़। देश को 2025 तक क्षय रोग मुक्त बनाने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संकल्प को साकार करने के लिए क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के तहत “जनांदोलन” कार्यक्रम शुरू किया गया है। इस कार्यक्रम के तहत क्षय रोग विभाग के अधिकारी मलिन बस्तियों में जाकर लोगों को क्षय रोग के प्रति जागरूक करते हैं। क्षय रोग के शुरुआती लक्षणों के बारे में जानकारी देते हैं और लक्षण आने पर निशुल्क जांच और उपचार की सुविधा के बारे में विस्तार से बताते हैं। “जनांदोलन” कार्यक्रम के तहत जिला क्षय रोग अधिकारी (डीटीओ) डा. राजेश कुमार सिंह के नेतृत्व में क्षय रोग विभाग की टीम बृहस्पतिवार को बुलंशहर रोड स्थित मजीदपुरा मोहल्ले में पहुंची।
डीटीओ डा. सिंह ने स्थानीय लोगों के साथ बैठक कर क्षय रोग के बारे में विस्तार से जानकारी दी। स्थानीय लोगों को बताया गया कि यदि किसी को दो सप्ताह से ज्यादा लगातार खांसी बनी रहती है तो नजदीकी क्षय रोग केंद्र पर जाकर बलगम (स्पुटम) की जांच अवश्य कराएं। स्वास्थ्य विभाग की ओर से बलगम की जांच निशुल्क की जाती है। क्षय रोग के लक्षणों पर विस्तार से चर्चा करते हुए उन्होंने बताया रात में सोते समय पसीना आना, बुखार बना रहना, अचानक वजन गिरने लगना भी क्षय रोग (टीबी) का लक्षण हो सकता है। उन्होंने बताया क्षय रोग सांस के जरिए फैलता है, इसलिए शुरुआती चरण में ही बीमारी की पहचान और उपचार शुरू होना जरूरी है। क्षय रोग की पुष्टि होने पर घर में परिवार के अन्य सदस्यों से अलग रहें और जरूरी हो तो नाक और मुंह को ढकते हुए मॉस्क लगाकर ही किसी दूसरे के पास बैठें।

जिला क्षय रोग अधिकारी ने बताया ने बताया स्वास्थ्य विभाग की ओर से क्षय रोग का निशुल्क उपचार किया जाता है। चिकित्सक के निर्देश के अनुसार नियमित रूप से दवा खाने पर टीबी का रोगी पूर्ण रूप से स्वस्थ हो जाता है। शासन के निर्देश पर क्षय उन्मूलन के लिए “जनांदोलन” के तहत संवेदनशील मलिन बस्तियों में जागरूकता कार्यक्रम किए जा रहे हैं। सितंबर माह में टीबी और पोषण, अक्टूबर में क्षय उन्मूलन में बच्चों और युवाओं की भूमिका पर “जनांदोलन” चलाया जाएगा। नवंबर में स्क्रीनिंग शिविर लगाए जाएंगे और दिसंबर माह में सरकारी व निजी कार्यस्थलों पर टीबी के खात्मे को लेकर अभियान चलाया जाएगा। कार्यक्रम में मौजूद जिला पीपीएम समन्वयक ने बताया सरकार की ओर से हर क्षय रोगी को बेहतर पोषण के लिए हर माह पांच सौ रुपये दिए जाते हैं। इस राशि का भुगतान सीधे मरीज के खाते में किया जाता है।

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